इस पहाड़ी ने दिखाया बड़ा दिल कोरोना में कर दिया 60हजार किराया माफ और 80 हजार कोचिंग फीस -देखें कौन है यह दिलेर पहाड़ी

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पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बिरेंदर सिंह रावत

देहरादून। कोरोना वायरस के खतरों से आम जन को बचाने के लिये सरकार ने लॉकडाउन किया हुआ है। इस मुसीबत के वक्त में सच्चा भारतीय अपना-अपना योगदान किसी न किसी रूप में समाज एवं देश को देने के लिये आगे आ रहा है। फुटबाल खिलाडी विरेंद्र सिंह रावत ने अपने 5 किरायेदारों का दो माह का 60 हजार रूपया किराया माफ कर दिया है। फुटबाल एकेडमी में कोचिंग ले रहे खिलाडियों की 4 महीने की फीस भी माफ कर दी है। 4 माह की  80000  रुपये फीस भी नहीं ली जायेगी।


उत्तराखंड के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी, वर्तमान राष्ट्रीय कोच और क्लास वन रेफरी, देहरादून फुटबाल अकैडमी के संस्थापक अध्यक्ष और हेड कोच, अनगिनत अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड से सम्मानित विरेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना वाइरस महामारी जो पूरे भारत देश और विश्व मंे फैल चुका है सबसे बड़ी मार गरीब लोगों को और मध्यम परिवार को पड़ी है इसकी खातिर माफ किया अपने 5 किरायेदारों का 2 माह का किराया 60, 000 (15 मार्च से 15 मई 2020 तक) माफ कर दिया है।
विरेन्द्र सिंह रावत ने अपने किराएदार जिनमें 3 मुस्लिम और 2 हिन्दू हैं का किराया माफ किया। सभी से मिलकर किराया प्रति माह का 30000 आता है जो दो माह के मिलाकर 60000 होता है। रावत अपनी देहरादून फुटबाल अकैडमी के कोच को 50 प्रतिशन सैलरी दे रहे हैं। कोचिंग 15 मार्च से बंद है और 30 जून तक बंद रहेगी। कोचिंग ले रहे खिलाडियों की 4 माह की कोचिंग फीस 20000 प्रतिमाह आती थी कुल 80000 वो किसी भी खिलाडि़यों से फीस नहीं ली जाएगी। 4 माह की सबकी फीस माफ की जाती है। कोच और रेफरी सभी खिलाडियों को ऑन लाइन टिप्स दे रहे हैं।
वीरेन्द्र सिंह रावत समय समय पर गरीब लोगों की सेवा भी कर रहे हैं। भोजन देकर, आवारा जानवरों की भी सेवा कर रहे हैं और पुलिस कर्मी को भी जूस पिलाकर सेवा कर रहे हैं। सोशल मीडिया फेस बुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर के माध्यम से भी सभी को जागरूक कर रहे हैं। रावत घर पर रहकर ये सभी काम अकेले अपने ऑफिस से कर रहे हैं। घर पर रहकर फिटनेस के लिये जरूरी वर्कआउट कर रहे हैं। वीरेन्द्र सिंह रावत ने निवेदन किया है कि सभी स्कूल और कॉलेज के प्रबंधक से निवेदन है कि वो 3 माह अप्रैल, मई जून की छात्रों की फीस माफ कर दे जिससे कि मध्यम वर्ग या गरीब छात्रों के अभिभावक पर ये फीस का बोझ ना पड़े। उन्होंने सभी से घर पर रहकर खुद का और परिवार का ख्याल रखने की अपील की है।

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