ऋषिकेश एम्स में दो नवजात शिशु चोरी अस्पताल प्रशासन की सतर्कता से पकड़े गए चोर-दोनों वार्डों को किया गया लॉक
ऋषिकेश एम्स में दो बच्चे चोरी होने की सूचना पर मचा हड़कंप, आनन-फानन में ऋषिकेश एम्स के 2 वार्डों को किया गया लॉक, चप्पे-चप्पे पर ली गई तलाशी। काफी जद्दोजहद के बाद आरोपियों को पकड़ा। सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी के लिए ऋषिकेश एम्स के डायरेक्टर के आदेश पर की गई थी मॉक ड्रिल। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी के निर्देश पर अस्पताल में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जिसके लिए बच्चों की डमी गुडिया का इस्तेमाल किया गया। जिसके तहत नर्सिंग स्टाफ को दोपहर12.15 बजे अस्पताल के पीडियाट्रिक मेडिसिन व पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में भर्ती दो नवजात शिशुओं के बेड पर नहीं होने की सूचना दी गई। उक्त जानकारी मिलते ही नर्सिंग स्टाफ ने तत्काल दोनों वार्डों को लॉक करा दिया, साथ ही बच्चों के चोरी हो जाने की उक्त सूचना से संस्थान के सिक्योरिटी कंट्रोल रूम को अवगत कराया गया।
जिसके बाद नर्सिंग स्टाफ व सिक्योरिटी गार्ड्स ने वार्डों के अन्य कक्षों, शौचालयों, स्टोर रूम्स आदि में चोरी हुए बच्चों की ढूंढ़खोज की। दूसरी ओर सिक्योरिटी टीम ने अस्पताल के सभी प्रवेश व निकाली द्वारों पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया। मॉकड्रिल के तहत तलाशी अभियान के दौरान दोपहर 12.30 बजे दो लोगों जिनमें एक महिला व एक पुरुष शामिल थे, को पकड़ लिया,जिनके पास से नवजात बच्चे (मॉकड्रिल में चोरी हुए बच्चों की डमी) बरामद कर लिए गए।
डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी द्वारा अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए थे,जिसके अनुपालन में कोविड19 संक्रमण के इस समय में जबकि आम व्यक्ति एक दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं,जिससे इस तरह की घटनाएं घटित नहीं हों, लिहाजा इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एम्स की सिक्योरिटी की व्यवस्थाएं मॉकड्रिल के माध्यम से जांची गई। बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य ऐसी घटनाएं नहीं हों लिहाजा अस्पताल के समस्त स्टाफ को अपनी अपनी भूमिका को चुस्त दुरुस्त रखना था।
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