July 27, 2024

नाज है ऐसे ‘शिक्षकों’ पर!– अपने कार्यों से उत्तराखंड ही नहीं देश में बनाई अपनी अलग पहचान

0
शेयर करें

 नाज है ऐसे ‘शिक्षकों’ पर!– अपने कार्यों से उत्तराखंड ही नहीं देश में बनाई अपनी अलग पहचान, आज समाज के लिए हैं प्रेरणास्रोत..

electronics




ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!

(शिक्षक दिवस पर विशेष)

आज शिक्षक दिवस है। समाज के विकास में शिक्षक की सबसे अहम भूमिका होती है। शिक्षक समाज का आईना होता है, इसलिए समाज पर सबसे ज्यादा प्रभाव एक शिक्षक का पड़ता है। शिक्षक दिवस पर आज ऐसे ही शिक्षकों/ शिक्षिकाओं के बारें में आपसे रूबरू करवाते हैं जिन पर पूरे उत्तराखंड को नाज है। ये सभी शिक्षक किसी पहचान के मोहताज नहीं है बल्कि इनके द्वारा किये गये विशिष्ट कार्यों नें देवभूमि उत्तराखंड को सदा गौरवान्वित महसूस किया है।


डाॅ नंदकिशोर हटवाल


डाॅ नंदकिशोर हटवाल पेशे से शिक्षक हैं। जनपद चमोली के रहने वाले हैं और वर्तमान में एनसीआरटी देहरादून में कार्यरत हैं। इन्होंने छात्र छात्राओं को गुणवत्ता परक शिक्षा का ज्ञान तो दिया ही अपितु इनके द्वारा लेखन के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में अतुलनीय योगदान दिया गया। उत्तराखंड के लोक के पारंपरिक लोकगीतों, नंदा के जागरों, चांचरी, झुमेलो, चौंफुला इत्यादि को संजोने का भी कार्य किया गया। इसके अलावा रम्माण से लेकर लोक में मौजूद विभिन्न लोकनृत्यों और लोककथाओं को भी अपनी बेहतरीन चित्रकारी के माध्यम से देश दुनिया के सामने रखा। ये एक शिक्षक के साथ साथ लेखक, लोकसंस्कृतिकर्मी, नाटककार, कहानीकार भी हैं। इन्हें विभिन्न मंचो पर दर्जनो सम्मान भी मिल चुके हैं।


संगीता कोठियाल फारसी!


अपने लिए जीना भी क्या जीना हुआ, कभी दूसरों के लिए जी कर तो देखो कितनी खुशियाँ मिलती है उक्त पंक्तियाँ श्रीनगर गढवाल की शिक्षिका संगीता फरासी पर सटीक बैठती हैं। आज की भागदौड भरी जिंदगी में जहां लोगों के पास अपने खुद के बच्चों के लिए समय नहीं है वहीं हमारे बीच संगीता फरासी जैसी शिक्षिकायें भी हैं जिन्होंने सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों की किस्मत की रेखा ही बदल डाली और भीख की जगह इन बच्चो के जीवन में शिक्षा का उजाला फैलाकर इन बच्चो को समाज की मुख्यधारा में लाने का नेक कार्य कर रही है। साथ ही उनके सपनों को पंख लगा रही हैं। इसके अलावा वो जरूरतमंद और बेसहारा लोगों की मदद भी करती हैं।


लक्ष्मी शाह पंवार!


शिक्षिका लक्ष्मी शाह पंवार नें शिक्षा के मंदिर में नौनिहालो को आखार ज्ञान के साथ साथ योग की शिक्षा भी दी। जबकि विद्यालय से इतर जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग ही नहीं बल्कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौडी, बागेश्वर सहित अन्य जनपदों में महिलाओं को पंतजलि के बैनर तले निशुल्क योग की शिक्षा दी। इसके अलावा लक्ष्मी शाह नें अपनी टीम के संग महिलाओं की रामलीला का मंचन कर लोगों को हतप्रभ कर दिया था। लक्ष्मी शाह योग के जरिए महिलाओं को स्वावलंबी और आगे बढ़ने को प्रोत्साहित कर रही है।


सत्येंद्र सिंह भंडारी!


रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कोट तल्ला के शिक्षक सतेंद्र सिंह भंडारी के प्रयासों और नि:स्वार्थ सेवा-भाव से आज उनका विद्यालय अग्रणी पंक्ति में खड़ा है। उनके विद्यालय को उत्तराखंड का ऑक्सफोर्ड विद्यालय कहा जाता है। उन्होंने अपने विद्यालय को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया हुआ है। जहां पर छात्र छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराई जाती है साथ ही पर्यावरण की शिक्षा भी दी जाती है। शिक्षक सत्येन्द्र भंडारी अब तक 45 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं। इन्होंने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान शुरू किया, वह आज भी जारी है। इन्होंने विद्यालय परिसर में पेड़ लगाने के अलावा गाँव की बंजर भूमि में भी जंगल तैयार किया है। गाँव के पास अलकनंदा नदी के पास त्रिफला वन व फलपट्टी में ग्रामीणों के सहयोग से उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए हैं। इनको विभिन्न अवसरों पर दर्जनो पुरुस्कार मिल चुके हैं। आज भी शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सत्येंद्र सिंह भंडारी को स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है। 


भास्कर जोशी!


भास्कर जोशी अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक के बजेला प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक कार्यरत हैं। गुणवत्तापरक शिक्षा से लेकर रचनात्मक गतिविधियों में आज पहाड का ये विद्यालय शहरों के नामी विद्यालयों से मीलों आगे हैं। बच्चों की फर्राटेदार अंग्रेजी से लेकर सांस्कृतिक, खेलकूद व रचनात्मक गतिविधियों में विद्यालय सदैव अब्बल रहता है। पूरे देश में शिक्षा के बजेला प्राथमिक विद्यालय का माॅडल लोगों के मध्य चर्चित है। भास्कर जोशी जैसे मेहनती शिक्षकों की वजह से आज लोगों का सरकारी स्कूल के प्रति भरोसा और विश्वास बढा है। भास्कर जोशी को राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनो सम्मान भी मिल चुके हैं।


वास्तव में देखा जाए तो आप जैसे शिक्षक किसी भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आपका कार्य अनुकरणीय है। आप जैसे शिक्षकों पर हर किसी को नाज है। शिक्षक दिवस पर हमारी ओर से आप सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम और शिक्षक दिवस की ढेरों बधाइयाँ।


About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

रैबार पहाड़ की खबरों मा आप कु स्वागत च !

X