पति रणवीर और पत्नी निकली दानवीर अध्यापिका सीमा रावत ने की एक मिसाल पेश-जानिए सीमा रावत ने क्या किया अनोखा काम

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 (रैबार पहाड़ का स्पेशल डेस्क)

  घनसाली-अध्यापिका सीमा रावत ने की एक नई मिसाल कायम, 84 दिन का वेतन सरकार के खाते में जमा करवाएंगी  उत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय किया और उस की शुरुआत भी कर दी*

फाइल फोटो-सीमा रावत, दानवीर, अध्यापिका

अध्यापकों के लिए मिसाल बनी सीमा रावत, सीएम राहत कोष में एक साल तक हर महीने 7 दिन का वेतन करेंगी दान।


शिक्षिका सीमा रावत द्वारा लिखा गया उप शिक्षा अधिकारी को लिखा गया पत्र


राष्ट्र भक्ति ले ह्रदय में, देश खड़ा यदि देश सारा, संकटो पर मात कर यह, राष्ट्र विजयी हो हमारा, इन शब्दों को सार्थक किया है जनपद टिहरी गढ़वाल, घनसाली की सैन्य परिवार से संबंधित शिक्षिका सीमा रावत ने। सैन्य पृष्टभूमि से संबंधित अध्यापिका सीमा रावत ने एक साल तक अपने वेतन से हर महीने 7 दिन का वेतन उत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय किया और उस की शुरुआत भी कर दी। इसके अलावा अपने साथियों को भी इस तरह से देश हित मे मदद करने की अपील की है। 


जिस विद्यालय में सीमा रावत अध्यापिका हैं



बता दें, शिक्षिका सीमा रावत वर्तमान समय में अति दुर्गम क्षेत्र दोणीवल्ली पट्टी, ग्यारह गांव विकासखंड भिलंगना, तहसील घनसाली, जनपद टिहरी, गढ़वाल उत्तराखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को 26 अक्टूबर 2013 से शिक्षित कर रही हैं। सैन्य परिवार से संबंधित शिक्षिका सीमा रावत ने नई पहल करते हुए लोगों में जनसेवा की अलख जगाने का प्रयास किया है। बता दें, शिक्षिका सीमा रावत का पूरा परिवार भारतीय सेना में हैं और विभिन्न सीमाओं पर डटकर देश की रक्षा कर रहे हैं, सीमा के पति भी सेना में वर्तमान समय में कार्यरत हैं। परिवार और पति की प्रेरणा सदका शिक्षिका सीमा रावत ने निर्णय लिया है कि वह हर महीने के वेतन से एक सप्ताह का वेतन उत्तराखंड के सीएम राहत कोष में जमा करवाएंगी और यह सिलसिला एक साल तक चलेगा। यानि साल के 84 दिन का वेतन सरकार के खाते में जमा करवाएंगी। ताकि इस संकट की घड़ी से इस देश को बाहर निकाला जा सके। सीमा रावत का मानना है कि इस प्रकार से देश हित मे अगर हर वर्ग अपना कुछ न कुछ योगदान दे तो ये राशि अरबो में पहुंच सकती और देश इस संकट की घड़ी से उभर सकता है। शिक्षिका सीमा रावत के इस फैसले की चौतरफा  सराहना की जा रही है, लोगों का कहना है कि पति देश की सीमाओं के प्रहरी हैं तो पत्नी ने वेतन दान कर अपने परिवार में रहकर कोरोना संकट में देश के लिए बहुमूल्य योगदान डाला, जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।

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