रैबार पहाड़ का
जखोली । प्रदेश भर में 12 राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों के साथ ही राजकीय पालीटेक्निक जखोली को बंद किए जाने का क्षेत्र पंचायत प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कड़ा विरोध करते हुए सरकार से युवा हित में बंद न करने की मांग की है। ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जखोली में 12 वर्ष पूर्व स्वीकृत राजकीय पालीटेक्निक जखोली को बंद करने का फरमान यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय वापस नहीं लिया तो वह जनता के बीच जाकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। कहा जनता के वर्षों से आंदोलन की बदौलत हासिल राजकीय पालीटेक्निक जखोली को बंद किया गया तो सरकार की क्या दुर्गति होती है,यह जनता स्वयं जबाब मांगेगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में क्षेत्र पंचायत जखोली प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा है कि जनता व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लम्बे आंदोलन के फलस्वरूप वर्ष 2008 में स्वीकृत राजकीय पालीटेक्निक जखोली भवन के अभाव में पूर्व के कुछ वर्षों तक राजकीय पालीटेक्निक रतूडा के साथ कक्षाएं संचालित की जाती रही। लेकिन उसके बाद वर्ष 2014 में स्थानीय लोगों के आंदोलन करने के बाद राजकीय पालीटेक्निक जखोली की कक्षाओं को विकासखंड जखोली कार्यालय के भवन में संचालित किया जाता रहा है। वर्ष 2017 में ग्राम पंचायत जखोली के ग्रामीणों द्वारा करीब एक सौ नाली से अधिक सिंचित नापभूमि राजकीय पालीटेक्निक जखोली के नाम दाननामा दी है। प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा कि भूमि मिलने के बाद विगत दो सालों से राजकीय पालीटेक्निक जखोली का भवन निर्माणाधीन है।
जखोली वासियों ने इस आशा से अपने नापभूमि विभाग के नाम दर्ज करायी थी कि आने वाले भविष्य में उनके क्षेत्र के युवा तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रोजगार पायेंगे। परन्तु सरकार ने प्रदेश के 12 पालीटेक्निक व 10 आईटीआई संस्थान बंद कर बेरोजगारों के प्रति अपनी इरादे जगजाहिर कर दिए हैं। ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा है कि यदि सरकार ने जनभावनाओं के अनुरूप राजकीय पालीटेक्निक जखोली को बंद करने का आदेश समय रहते वापस नहीं लिया तो वे स्थानीय लोगों के साथ प्रदेश सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरू करेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।