स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट |
देहरादून- रविवार का दिन प्रदेश के लिए कोरोना शुभ नहीं रहा और प्रदेश में अलग अलग दो लेबों से कोरोना की दो रिपोर्ट आई जिसके साथ अब प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव मामले हुए 50
आज दो और मरीजो में हुई कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि।
एक मरीज की दून मेडिकल कॉलेज की लैब ओर दूसरे मरीज की रिपोर्ट ऋषिकेश से आई पॉजिटिव।
(प्रोफेसर यू पी मिश्रा एम्स ऋषिकेश)
Ifदून महिला अस्पताल में भर्ती आजाद कालोनी की महिला में
कोरोना की पुष्टि। यहां भर्ती अन्य महिलाओं और बच्चों को किया अलग अलग वार्डो में शिफ्ट।
सामान्य वार्ड में भर्ती होने से कर्मचारियों में हड़कंप उन्हें भी क्वॉरेंटाइन और जांच कराने की तैयारी। वहीं
(एम्स) ऋषिकेश में कार्यरत एक हेल्थ केयर वर्कर के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। संस्थान के संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो.यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स के यूरोलॉजी विभाग की आईपीडी में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उन्होंने बताया कि इस हेल्थ केयर वर्कर में 24 अप्रैल को इस बीमारी के मामूली लक्षण विकसित हुए हैं मगर उस दिन उसने एम्स की स्क्रीनिंग ओपीडी में रिपोर्ट नहीं की। अगले दिन 25 अप्रैल को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ने पर उसका स्क्रीनिंग ओपीडी में सैंपल लिया गया। जिसके बाद 25 अप्रैल की रात को उसके कोविड 19 पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि इस नर्सिंग स्टाफ के किसी अन्य कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण होने की आशंका है। प्रो.मिश्रा ने बताया कि संस्थान ने ऐहतियात के तौर पर यूरोलॉजी आईपीडी में कार्यरत सभी स्टाफ मेंबर्स की कोविड19 स्क्रीनिंग व टेस्टिंग करनी शुरू कर दी है। सभी कर्मचारियों का सैंपल लिया जा रहा है। साथ ही यूरोलॉजी आईपीडी में भर्ती मरीजों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं। इन मरीजों को कोविड 19 टेस्टिंग रिपोर्ट में नेगेटिव पाए जाने पर ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एम्स प्रशासन द्वारा इस संपूर्ण आईपीडी ब्लॉक को कोरोंटाइन किया जा रहा है। फिलहाल इस ब्लॉक में किसी भी नए मरीज की भर्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन के सहयोग से मरीज के आसपास रहने वाले लोगों की भी एम्स द्वारा कोविड की सघन जांच की जाएगी। एम्स प्रशासन के अनुसार अस्पताल में जनरल ओपीडी व कोविड19 स्क्रीनिंग ओपीडी सेवाएं फिलहाल जारी रहेंगी जिससे मरीजों को किसी तरह की स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी दिक्कतें नहीं हों।