शब्द शिल्पी च गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी-नेगी जी का जलमबार पर साहित्यकार डॉ वीरेंद्र पंवार की समूण

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 जन्मदिन पर खास,,,,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,,

गढ़वाळि गित्तु मा इना शब्द प्रतीक अर छन्द-बन्द नि होन्दा,,  ?,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,,,

बावन गढु का देश मा सूरज हिवाळी कान्ठ्यू थैँ चन्दी नि बणान्दु, पितळण्ञा मुखड़्यू थैँ सूनम नि सजान्दु। भीटा-पाखों थैँ फ्यूलि का फूल  पिन्गळा रंग मा रंग्याणा होन्दा,पर हैरा बणु मा बुरान्शा फूल आग नि लगौणा होन्दा,,,,?,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,,,,

लिंटारा जमाना मा धुर्पाळा, ढैपुरा, खोळि,द्वार,मोर,मोरी,तिबारी, डंड्याळि,ओबरा, छज्जा, सतीर पठाळि का चित्र जुकड़ो का भित्र नि समौन्दा,टळ्खी,टोपली,सदरी,राजा कू दरबार अर सिन्गोर्यू थैँ याद करी,टीरी डुबणै खौरी-बिथा कु लगौन्दा,,,,,?

,,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,,,

(वीडियो जरुर दिख्यांन)

डेरा नौन्याळ अर पुन्गड्यू धाण,भेळु पखाण,स्वीलि पिड़ा मा घुघुती बिबलाण, बेटी-ब्वार्यू कि खौरी कनक्वे  बिन्गौन्दा।ढुन्गा बणी माटा मा मिलदरौ का बोल,टका,,,,,नि छन त झकझका, इना निरास्येन्दा मनख्यू थैँ द्वी दिनूँ की हौर च अब खौरी जना बोल सुणैकी फेर ठाडा होणै हिकमत कनुक्वे बन्धौन्दा,,,,,,?,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,

कु बिन्गान्दो मुँगाणी,मूळै थिच्वाणी, जख्या कु तुड़का, कछमोळी,समदेण्या हातै रस्याण,रीता रै जान्दा होरि, बिगोथी ,इगास,बग्वाळ तिवार, हर्च जान्दी मनखी अर रिश्ता-नातौ कि पच्छ्याण,बग्त का छिबड़ाट- भिबड़ाट मा कै जी खुज्योन्दा। मनखी का सुभौ, मयाळू,हौसिया,रसिया,बौळ्या,खुदेड़,निठुर, रिसाड़,अर मायादार हुन्दन,कै लाटी-काली,नखर्याळी,स्वाणी,

छुञ्याळ बान्द थैँ कनक्वे बिगौन्दा,, ,,?,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा ,,,,,,,,

स्वाणी मुखड़ी,दन्तुड़ी,उन्ठुड़ी,लटुली वळी बान्द फोन्दी, बिन्दी,टिकुली,का सौ-सिंगार करी झगुला धंवारा, नथुली, मुर्खली,चूड़ी,हंसुळी बिसार पैरीकी मन ललचान्दी,त माया का गीत क्या लगौन्दा,मुखड़्यू मा हैंसदु पिन्गळु मौळ्यार,गलोड़्यू मा सुलगदा ललंगा अंगार,ऑख्यू मा चून्दा सुपन्या बासन्ती, बसन्त ऐगे हफार डांडा-सार्यू  मा,कै-कै थैँ बथौन्दा,,,?,,,,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,

स्याळी जना कुन्गळा रिश्तौ थैँ हत-थमाळी धरी उत्तराखण्डै रैली मा ल्हिजाणै बात करी, तेरी लाठी-गोळी कू जबाब द्योला एक दिन,जना हुन्कार भ्वर्या गीत कु लिखदा? हातन ह्विसकी पिलाई,ना नौछम्मी नारैणा जना गीत से डरदी सरकार, ना अपड़ा कर्मु से हरदी सरकार।लाल बत्यू की ल्हालसा अर जी-हुजूरी का ये जमाना मा द्वी हतुन लुटौन्दी नारैणा खजानू सरकारी अर अब कथगा खैल्यो,जना बोल बोलिक सरकारू थैँ कू धमकौन्दा,,?  

,,,,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,,

भोळ जब फेर रात खुलदी,धर्ती मा नई  पौध जमदी,भौं-कुछ होन्दू ,भाषा भी होन्दी अर भाषा की तर्पदारी कन्न वाळा मे जना कथगै नवाड़ लिख्वार भाषा की फैड़्यू मा ग्वाया लगौन्दा। इन्नी मयाळी भाषा का मयाळा शब्द खुजैकी, बटोळी कख बटी ल्हौन्दा? भाषा भी होन्दी,हम भी होन्दा,सौब धाणी होन्दी,पर अब असल सवाल यो च कि,,,,,,,? 

तब नरेन्द्र सिंह नेगी कु होन्दा,,,,,,,,,जु नरेन्द्र सिंह नेगी नि होन्दा,,,,,?

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