हलधर कौशल्या देवी ने जब खेतों में स्वयम चलाया हल तो प्रशासन ने दिया बल-कुलदीप बिष्ट पौड़ी

0
शेयर करें


हलधर कौशल्या देवी ने जब खेतों में स्वयंम चलाया हल तो प्रशासन ने दिया बल-कुलदीप बिष्ट पौड़ी



जनपद में खाली होते गांव की खबरें तो अक्सर सुर्खियां बटोरी है, मगर कुछ समय पहले हमारे द्वारा एक खबर प्रसारित की गई थी जिसमें पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक की हलधर के नाम से विख्यात कौशल्या देवी नाम की एक महिला की खबर हमने प्रमुखता से दिखाई थी, जब हमने बताया था कि पहाड़ की कौशल्या अपने मजबूत हौसले के साथ पिछले 11 वर्षों से 20 गांव के बंजर पड़े खेतों को आबाद करने में लगी है, कौशल्या देवी के पति का 11 साल पहले स्वर्गवास हो गया था जिसके बाद उनके ऊपर उनके चार बच्चों की परवरिश का जिम्मा था, उन्होंने बहार न जाकर गांव के ही बंजर खेतों को आने बेलों से हल लगाकर अपने बच्चों का पालन पोषण करने का एक अटूट निर्णय लिया। जिसका परिणाम यह रहा की उन्होंने बिना पहाड़ को छोड़े ही अपनी मेहनत के बल पर अपनी बच्चों की परवरिश तो की ही,साथ ही उन युवाओं के लिए भी मिसाल पेश की जो केवल और केवल रोजगार ना होना कहकर पहाड़ों से पालन करते हुए चले गए। हमें इस खबर को प्रमुखता से उजागर किया था आज हमारी खबर का असर देखने को मिला। अब प्रशासन भी कौशल्या देवी की मदद करने के लिए आगे आया है, प्रशासन द्वारा कौशल्य देवी को कृषि से संबंधित उपकरण और बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसे कौशल्या देवी खुश है तो वही लोगों ने भी कौशल देवी के इस अटूट प्रयास की बहुत सराहना की है, लोगों का कहना है कि पहाड़ की नारी वीरांगना होती है जो समय-समय पर ऐसी मिसाल कायम करती हैं जो आने वाली पीढ़ी के लिए नजीर बन जाती है, कृषि अधिकारी का कहना है कि उन्हें गर्म होता है कि ऐसी महिलाएं पहाड़ों में जन्म लेती है जो अपनी ईमानदारी जुनून और मेहनत के बल पर लोगों को प्रोत्साहित करती हैं, उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कौशल्या देवी को खेती उपकरण के साथ-साथ बीज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं उन्होंने ये भी बताया कि कौशल्या देवी को खेती से संबंधित जो भी आवश्यकता होगी। प्रशासन उसे पूरा करने के लिए तैयार रहेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन के साथ युवा पीढ़ी भी कौशल्या देवी इस सराहनीय  प्रयास से सीख लेगा और पहाड़ों में बंजर पड़े खेतों को आबाद करने के लिए पहल करेगा।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You may have missed

रैबार पहाड़ की खबरों मा आप कु स्वागत च !

X