प्रिंट और टीवी पत्रकारों के समकक्ष डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी मिलेगी मान्यता ,भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया आदेश जारी

 

प्रिंट और टीवी पत्रकारों के समकक्ष डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी मिलेगी मान्यता ,भारत सरकार सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया जारी

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भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उन्हें प्रिंट और टीवी पत्रकारों के समकक्ष मान्यता दे दी है। यह निर्णय एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से सामने आया है, जो सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी की शिकायतों के संदर्भ में जारी किया गया है।

पत्र के अनुसार, डिजिटल मीडिया पत्रकार अब केंद्र व राज्य सरकारों की पत्रकार कल्याण योजनाओं और अन्य लाभों के लिए पात्र होंगे। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के डिजिटल मीडिया विभाग के उप सचिव अमरेन्द्र सिंह द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट की गई है।

क्या है इस निर्णय का महत्व?

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इस फैसले से अब डिजिटल मीडिया पत्रकार भी उन योजनाओं और लाभों का हिस्सा बन सकेंगे, जो अब तक केवल प्रिंट और टीवी पत्रकारों को उपलब्ध थे – जैसे कि पत्रकार पेंशन, स्वास्थ्य सहायता, बीमा योजनाएं, प्रेस मान्यता और विज्ञापन नीति से जुड़ी सुविधाएं।

इस पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि डिजिटल मीडिया पर काम करने वाले पत्रकार ‘सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021’ के तहत आने वाले शिकायत निवारण तंत्र का लाभ उठा सकते हैं। यह न केवल पत्रकारों के हितों की रक्षा करेगा बल्कि मीडिया की नैतिकता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा।

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पीयूष जोशी की भूमिका बनी प्रेरणा

उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने इस दिशा में लगातार प्रयास किए और कई बार भारत सरकार के समक्ष डिजिटल मीडिया पत्रकारों की स्थिति और उनके अधिकारों को लेकर शिकायत दर्ज कराई। उनके इस सतत प्रयास का ही परिणाम है कि मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए यह निर्णय लिया।

सरकार की मीडिया के प्रति संवेदनशीलता

यह फैसला यह दर्शाता है कि भारत सरकार बदलते मीडिया परिवेश को समझ रही है और समय के अनुसार अपनी नीतियों को अपडेट कर रही है। आज जब डिजिटल मीडिया आम जनता की आवाज बन चुका है, ऐसे में यह निर्णय न केवल पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि समता और समान अवसरों के सिद्धांत को भी मजबूती देता है।

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निष्कर्ष:

यह पत्र और उसमें निहित निर्णय डिजिटल मीडिया के क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल लाखों डिजिटल पत्रकारों को पेशेवर पहचान दिलाएगा बल्कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं से जोड़कर एक सशक्त मंच भी प्रदान करेगा।