- कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने रुद्रप्रयाग की खुशी से किया वादा निभाया
- खुशी को दिलाया मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ
- *कोरोना काल मे बेसहारा हुए 140 बच्चों को हस्तांतरित की धनराशि*
- यदि आपके क्षेत्र में भी है कोई असाय अनाथ और जरूरतमंद तो आप उनकी डिटेल रैबार पहाड़ न्यूज़ पोर्टल को इस व्हाट्सएप नंबर पर भेजें हम प्रमुखता से आपकी आवाज को शासन प्रशासन तक पहुंचाएंगे8126000289
देहरादून: कोरोना काल मे जो बच्चे बेसहारा हुए हैं उनके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना वरदान बन रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने रुद्रप्रयाग जिले की ऐसी ही एक अनाथ बच्ची से किया अपना वादा निभाया है। श्रीमती आर्या ने वात्सल्य योजना के तहत चौथे चरण में आज 140 बच्चों के खातों में धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

दरअसल रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक के कपणियां गांव की 9 बर्षीय खुशी के पिता का 2018 में निधन हो गया था। इसी वर्ष जुलाई में कोरोना से खुशी की माता का भी दुःखद निधन हो गया था। श्रीमती आर्या ने कुछ दिन पहले खुशी से फोन पर बात करके हरसंभव मदद का भरोसा दिया था। मंत्री ने खुशी को वात्सल्य योजना का लाभ दिलाने की भी बात कही थी। जिसके बाद आज खुशी समेत 140 बेसहारा बच्चों को योजना के तहत लाभान्वित किया गया।

जनपद रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक में कपणियां गांव की बेटी खुशी,जिनके पिता का देहांत 2018 में हो गया था। जुलाई 2021 में कोरोना से उनकी माता का भी दुःखद निधन हो गया था। खुशी को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत ऐसे बच्चों, जिनके माता पिता या संरक्षक की मृत्यु कोरोना या अन्य बीमारियों से हुई हो, के संरक्षण, देखरेख, शिक्षण व पोषण की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। ऐसे बच्चों की देख रेख के लिए 21 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 3000 रुपये की धनराशि दी जा रही है।

बुधवार को चौथे चरण में 140 बच्चों को योजना से लाभान्वित किया गया। इसमें ऊधमसिंह नगर के 62 बच्चों, चम्पावत के 26, हरिद्वार के 24, बागेश्वर के 15 व रुद्रप्रयाग के 13 बच्चों के खातों में धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। योजना के तहत अब तक कुल 1706 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है।
Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino activities.