अंग्रेजी का ना आना समझों भविष्य डामाडोल है- उभरती कवित्री मीनाक्षी शाह की कविता- सुनिए आप भी

हिन्दी है मेरी भाषा, पर प्रश्न पढ़ा लिखा कौन है?
अंग्रेजी का ना आना समझों भविष्य डामाडोल है, ?
बड़ी -बड़ी संस्थाएँ भी लेंगी सिर्फ उसको ,
जिसकी जुबाँ मे गुलामी का सबूत है, पाठशालाएँ भी अब अंग्रेजी कम्पनी का स्वरूप है,
अब जरा बताओ इसका जिम्मेदार कौन है
?

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प्रथम भाषा की अधिकारी मानचित्र से ही विलोप है, सभ्यता की सूचक हिन्दी झेल रही विषम अफ़सोस है। बोले भी क्यों और कैसे हिन्दी,
यह तो बस अनपढ़ो का प्रतिरुप है,
अरे । शर्म करो देश के लोगो यही तुम्हारा प्रतिबिंब और स्वरूप है।
लेकिन अब जरा बताओ इसकी हालत का जिम्मेदार कौन है
?

मीनाक्षी शाह

One thought on “अंग्रेजी का ना आना समझों भविष्य डामाडोल है- उभरती कवित्री मीनाक्षी शाह की कविता- सुनिए आप भी

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