रामरतन सिह पवांर/जखोली चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष ने सौंपा मुख्यमंत्री को ज्ञापन.................. चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष व र...

रामरतन सिह पवांर/जखोली
चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष ने सौंपा मुख्यमंत्री को ज्ञापन..................
चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष व राज्य मंत्री
देहरादून-शिव प्रसाद ममगाई ने जखोली रुद्रप्रयाग के थाती दिगधार बड़मा गांव में विगत पांच बर्षो से निर्माणाधीन सैनिक स्कूल के निर्माण के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वार्ता की मुलाकात के दौरान उन्होने मुख्यमंत्री को जखोली बड़मा मे सैनिक स्कूल मे निर्माण कार्य शूरू करवाये जाने से समंधित ज्ञापन सौंपा व वार्ता भी की आचार्य ममगाई जी द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत को बताया कि वर्ष 2013-14 में जखोली रूद्रपयाग थाती बड़मा के दिगधार गांव में सैनिक स्कूल केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया था। जिसके लिए लगभग 52 एकड़ जमीन की आवश्यक्ता थी।
और आसपास के गांव की जनता के द्वारा लगभग 1000 नाली कृषि एवं सिविल भूमि उत्तराखंड शासन को दान स्वरूप भी दे दी गई थी I शासन द्वारा सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की धनराशि पूर्व में भी स्वीकृत कर दी गई थी। साथ ही राजकीय निर्माण निगम द्वारा करीब सवा नौ करोड़ रुपये भी दीवार एवं अन्य निर्माण कार्य में खर्च कर दिए गए थे। परंतु अचानक जांच के नाम पर सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य काफी वर्षों से बंद कर दिया गया।
आचार्य शिव प्रसाद मँमगाई ने मुख्यमंत्री अपनी बात चीत के दौरान कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। जिस कारण से रूद्रपयाग एवं उत्तराखंड की आम जनता के मन में सैनिक स्कूल के निर्माण की आस आज भी जस की तस बनी है। उत्तराखंड के सैनिक बाहुल राज्य होने के कारण प्रदेश को सैनिक स्कूल की बहुत अधिक आवश्यकता है।
चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद मँमगाई ने बताया कि मुख्यमंत्री के
द्वारा सैनिक स्कूल के निर्माण को पुनः आरंभ करने के संबंध में आश्वासन दिया
शिव प्रसाद मँमगाई ने मुख्यमंत्री को बताया गया कि उत्तराखंड के समस्त जनता के साथ - साथ स्थानीय जनता को भी इसका लाभ मिलेगा और प्रदेश के विकास के साथ पलायन की प्रमुख समस्या पर रोक लगेगी साथ ही निकटम गाँव थाती बड़मा, मुन्नादेवल, धरियाजं, जखोली, बांध, डंगवाल गांव, घणतगांव, स्वाड़ा, ब्राहमण गांव, नौगांव, सेम, कोटी, मरोड़ा, किरोड़ा तल्ला, किरोड़ा मल्ला, उतरस्यू, दोब्लिया, बस्टा, नेरा, जखन्याल गांव, गैरसेरा, पाटियों, चाका, धारकोट, डोबा, तिमली, गदनुं आदि गांव के लोगों के लिए पर्यटन द्वारा रोजगार की नई संभावनाएं भी बनेंगी
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