गत शनिवार राजधानी दिल्ली में क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली व कुमाउनी फिल्मों का 12वां महाकुम्भ *यंग उत्तराखण्ड सिने अवार्ड* नाइट बाहरवें वर्ष अनवरत संपन्न हुआ…!
जिसमें कई नमी गिरामी उत्तराखंडी फ़िल्म विभूतियों ने शिरकत की…जाने माने *नेहरू ऑडिटोरियम दिल्ली* में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की *सर्वश्रेष्ठ* नायक नायिका, फ़िल्म, निर्देशक, कथा पटकथा, गायक, गायिका, गीत संगीत, संकलन, कला, छायाँकन, कलाकार आदि कई प्रकार कई वायरायटी की विधाओं को उच्चतम श्रेणी के पुरषस्कार प्रदान किये गये… जिसमें *सुबैरो घाम पार्ट 2- *बथों** को सर्व श्रेष्ठ फ़िल्म, सर्व श्रेष्ठ निर्देशन, सर्व श्रेष्ठ नायिका व सर्व श्रेष्ठ संगीत के कुल 4 पुरष्कार प्रदान किये गये…
सर्व श्रेष्ठ गायक का पुरष्कार सौरव मैठानी को (मैं पाड़ा कु रैवशी तू दिल्ली रौण वाली ) गीत पर दिया गया…!

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उर्मि जी ने सभी ज्यूरी कमिटी को धन्यवाद देते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि जिस प्रकार एक पौधे को वृक्ष बनने के लिए खाद पानी कि अवश्यता होती हैं उसी प्रकार एक कलाकार को लंबी पारी खेलने के लिए प्रोत्साहन हेतु पुरष्कार भी जरुरी होते हैं…!
*ज्ञातव्य है कि उर्मि जी को *सुवरो घाम पार्ट 2 – बथों के लिए अभी तक *कुल 18 अवार्ड विदेशों में प्राप्त हो चुके हैं जिसमें, USA न्यूयॉर्क , UK लन्दन , स्पेन , जर्मन, फ़्रांस युकोस्लाविया, थाईलैंड, मलेसिया आदि देशों के क्षेत्रीय भाषाई फ़िल्म अवार्ड शामिल हैं*

राकेश पुंडीर
( कालानिर्देशक : फ़िल्म – सूबेरो घाम पार्ट 2- बथों )