मानसिक तनाव का कारण और उपचार-जानिए पूरी जानकारी

(लेेखिका अनामिका चौहान)

अक्सर कहा जाता है कि इन्सान की बाहरी खूबसूरती से ज्यादा मन की खूबसूरती सर्वोच्च है। वह कितना खूबसूरत है इसका अंदाजा उसके मन और चरित्र को देख कर लगाया जाता है। मन की खूबसूरती भी भला कभी कम होती है? हमने अक्सर ये सवाल सुना होगा, लेकिन शायद यह भी मुमकिन है!

हर व्यक्ति की जिंदगी में एक ऐसा समय जरुर आता है जब वह दिमागी और भावनात्मक रुप से इतना आहत हो जाता है कि वह खूद को पहचान नही पाता। उसका व्यवहार पूरी तरीके बदल जाता है। यह वह समय होता है जब
आप का व्यवहार अपने और दूसरों के प्रति बहुत आहत करने वाला हो जाता है। समाज में ऐसे लोगों को कई तरह के अजीब नामों से भी पुकारा जाता है। भारतीय समाज अभी भी मानसिक स्वास्थ्य की महत्वता से कही न कही अछुता है।
वर्तमान दौर की बात करें तो नई पीढ़ी जिनके लिए सोशल मीडिया एक अहम हिस्सा बन चुका है, यह जान लेना कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है और किस हद तक इसका तनाव हमें अपनी जकड़ में ले सकता है बहुत जरुरी है। जिस तरह शरीर स्वस्थ रखने की सलाह दी जाती है वैसे ही हमारे दिमाग को भी स्वस्थ रखना जरुरी है। बढ़ती उम्र के साथ हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए हमें समय पर यह जान लेना जरुरी है की कब हमें खुद पर खास ध्यान देना होगा। खास तौर पर ऐसे समय जब कोरोना काल से लाखों लोगो ने अपना परिवार, व्वसाय समेत कई चीजें खो दी है।
कहीं आप भी मानसिक तनाव के शिकार तो नही?
मानसिक तनाव, डिप्रेशन ऐसी समस्यों में से है जिसकी बात कोई खुल कर नही करता जिससे की इसका समाधान निकाल पाना और मुश्किल हो जाता है। हमारे आसपास ऐसे कई लोग होते है जो इसका शिकार होते है लेकिन इस बात का हम पता नही लगा पाते। डिप्रेशन के कुछ लक्ष्ण होते है-
• व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आना और अक्सर उदास रहना एक बड़ा संकेत हो सकता है। अक्सर मन में खालीपन और उदासी महसूस हो तो इसे अनदेखा न करें।
• अगर आप नर्वस महसूस कर रहे हो, तनाव में रह रहे हो और खबराहट महसूस कर रहें है तो यह डिप्रएशन का मुमकिन कारण हो सकता है।
• बार बार मूड खराब होना भी डिप्रेशन का ही संकेत है।
• जब आप आसानी से एकाग्र न हो पाएं या बार-बार रोजमर्रा के कामों में भी आपकी एकाग्रता भंग होने लगे तो समझ जाइए कि ये डिप्रेशन के लक्षण है।
• लंबे समय से नींद न आना या रातों को नींद उचट हो जाए या फिर नहीं आए तो यह डिप्रेशन की निशानी है। समय रहते इसका निवारण खोजने की कोशिश करें।
चार मुख्य कारण
दुनिया में 50 करोड़ से भी ज्यादा अधिक लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त है। WHO के अनुसार इस साल तक डिप्रेशन विश्र्व का दूसरा सबसे बड़ा रोगभार का कारण है। क्या है कारण-
• शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का निकट संबंध है और यह निस्संदेह रूप से सिद्ध हो चुका है कि डिप्रेशन के कारण हृदय और रक्तवाहिकीय रोग होते है।
• मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य-संबंधी बर्तावों जैसे, समझदारी से भोजन करने, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार, मद्य और धूम्रपान, चिकित्सकीय उपचारों का पालन करने आदि को प्रभावित करते हैं और इस तरह शारीरिक रोग के जोख़िम को बढ़ाते हैं।
• मानसिक अस्वस्थता के कारण सामाजिक समस्याएं भी उत्पन्न होती है जैसे, बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का दुर्व्यसन और संबंधित अपराध।
• मानसिक अस्वस्थता रोगनिरोधक क्रियाशीलता के ह्रास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
• अवसाद से ग्रस्त चिकित्सकीय रोगियों का हश्र बिना अवसाद से ग्रस्त रोगियों से अधिक बुरा होता है।
• लंबे चलने वाले रोग जैसे, मधुमेह, कैंसर,हृदय रोग अवसाद के जोखिम को बढ़ाते है।
किन चीजों के जरिए सुधारा जा सकती मानसिक स्वास्थ्य
उपचार…..
जानकार कहते है कि अगर समय पर डिप्रेशन से गुजर रहे व्यक्ति से मेलजोल बढ़ाया जाए तो इससे उबरने में बड़ी मदद हो सकती है। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अच्छा होता है। आप अपने खाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपुर भोजन को भी जोड़े, ज्यादा से ज्यादा फल पत्तेदार हरी सब्जियां खाएं, साबुत अनाज लें जो आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। इसी के साथ भरपूर नींद लेना भी जरुरी है। अगर आपका काम मे मन नही लगता तो कुछ ऐसा करें जिससे आपके मन को शांति मिलती है।