चिरबिटिया I T I बंद करने के लिए सरकार और रूद्रप्रयाग विधायक जिम्मेदार आंदोलन को मेरा पूरा समर्थन- मातबर सिंह कंडारी

,रूद्रप्रयाग-सरकार जहां एक तरफ उत्तराखंड को पलायन रोकने की बात कर रही है वहीं और हर गांव को डिजिटल बनाने की बात कर रही है और वहीं सरकार का कहना है कि यह हम हर युवा को स्वरोजगार से जोड़ेगे लेकिन इसकी हकीकत देखनी है तो चिरबिटिया में बने आईटीआई को देखें यह कहना है पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी जो लगभग अब पूरी तरह से बंद हो गया ।पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने रैबार पहाड़ की टीम से बात करते हुए कहा कि जब में जखोली ब्लॉक का दूसरी बार 1982 में मुझे जनता ने ब्लॉक प्रमुख के रूप में सेवा करने का अवसर दिया उस समय मैंने चिरबटिया आईटीआई की नीव रखी थी और चिरबिटिया में आईटीआई बनाने का उद्देश्य था कि उधर से नैलचामी पट्टी तो इधर से लस्या पट्टी के बच्चे जो गरीब असहाय हैं जो देहरादून और अन्य शहरों में जाने में असमर्थ हैं वह चिरबिटिया में तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर सके लेकिन यह रूद्रप्रयाग का दुर्भाग्य है जहां अन्य जिलों में सरकार नए शिक्षण संस्थान खोल रही हैं वहीं 29 साल बाद बंद हो गया जो शासन प्रशासन और स्थानीय विधायक की उदासीनता का गंभीर परिणाम है ।वहीं I T I को दोबारा शुरू करने की मांग को स्थानीय लोगों के क्रमिक अनशन और आंदोलन को जायज बताया।मातबर सिंह कंडारी ने कहा कि मैं भी आंदोलन का समर्थन करूंगा और जल्द चिरबिटिया में जाऊंगा । वहीं रैबार पहाड़ की टीम ने उनसे जानने की कोशिश की है कि आप भी 5 बार विधायक रहे पर एक ITI,का भवन नहीं बन पाया तो कंडारी जी का कहना था की जमीन न मिलने के कारण भवन नहीं बन पाया।यह रूद्रप्रयाग जनपद का दुर्भाग्य है कि जैसे तैसे चल रहे आईटीआई को सरकार ने बंद करवा दिया और लाखों की मशीन जंक खाकर बर्बाद हो रही हैं। जिससे मजबूर होकर स्थानीय लोगों को मजबूरन आंदोलन और आमरण अनशन करना पड़ रहा।

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