नई दिल्ली -28 नवंबर को दिल्ली में ख्यातिप्राप्त गढ़वाली कहानीकार श्री जबर सिंह कैन्तुरा जी के कहानी संग्रह ग्यऽड़-गांठि का लोकार्पण डा.जीत राम भट्ट सचिव हिन्दी, संस्कृत अकादमी, सचिव गढ़वाली, कुमाऊंनी एवम् जौनसारी अकादमी (दिल्ली सरकार) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ ।


श्री जबर सिंह कैन्तुरा ने डी.पी.एम.वाइ. के गढ़वाली बुद्धिजीवियों से खचाखच भरे सभागार में कहा कि इस संग्रह की सभी बारह कहानियाँ गढ़वाल के गांव वासियों व प्रवासियों से सम्बन्धित सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं जोकि उन्होंने खुद देखी,भोगी व सुनी हैं।
डाक्टर भट्ट ने अपने सम्बोधन में बताया कि श्री कैन्तुरा जैसे स्तरीय लेखकों का साहित्य निरंतर प्रकाशित होता रहा तो इन भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह मिलना आसान हो जायेगा । साथ ही हमें जनगणना के समय अपनी मातृभाषा गढ़वाली लिखवानी भी आवश्यक है । उन्होंने स्पष्ट कहा कि डा. बिहारी लाल जलन्धरी जैसे भाषाविद् इन भाषाओं पर निरंतर अथक परिश्रम कर रहे हैं जोकि अत्यन्त सराहनीय है ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव श्री हरिपाल रावत ने कलम की महत्ता पर बोलते हुए ‘नौछमी नारैण’ का उदाहरण देकर कहा कि किस तरह कलमकारों ने विभिन्न राज्यों /देशों में सत्ता परिवर्तन में भूमिका निभाई ।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री नेत्र सिंह असवाल ने कहानी ‘पाण’ की विशेषताओं का वर्णन किया ।
हास्य कवि वरिष्ठ साहित्यकार श्री
ललित केशवान की कविताएं दर्शकों ने खूब पसन्द की। डा.पृथ्वी सिंह केदारखण्डी ने कहा कि श्री कैन्तुरा की भाषा सरसता से भरी हुई है जो कि गढ़वाली के भूले बिसरे शब्दों को नई ऊर्जा के साथ आज के युवाओं के सम्मुख लाती है ।
लोकार्पण समारोह में श्री पयास पोखड़ा,श्री जयपाल सिंह रावत छिपाड़ु दा, श्रीमती लक्ष्मी नौडियाल,श्री कुंजबिहारी मुंडेपी, श्री जुयाल,श्री चन्दनप्रेमी आदि कई अन्य गणमान्य कवियों ने
श्री दिनेश ध्यानी के कुशल मंच संचालन में काब्यपाठ किया ।

Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino bonus.