बड़ी खबर- कपकोट सीट पर भगत दा की प्रतिष्ठा दांव‌ पर

भगत दा की प्रतिष्ठा दांव‌ पर


-करीबी माजिला को भाजपा के दिग्गज रौतेला से भी मिला समर्थन
– कपकोट विधानसभा में बगावत की जबरदस्त हा

बागेश्वर। भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है वहीं भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट
कपकोट विधानसभा सीट पर दावेदारों की घमासान से इस बार भाजपा को घर से ही कड़ी चुनौती मिल रही है। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की इस परंपरागत सीट पर उनके एक करीबी डॉक्टर सोहन सिंह माजिला की ओर से तगड़ी दावेदारी सामने आई है। माजिला को जहां कांडा कमस्यार व दुग दोफाड़ क्षेत्र से बड़ा जनसमर्थन मिल रहा है वही भाजपा के जाने-माने हस्ताक्षर भगवत रौतेला ने भी उन्हें चुनाव मैदान में उतारने की पुरजोर पैरवी कर दी है।
रौतेला भाजपा के पूर्व जिला संयोजक बुद्धि जीवी प्रकोष्ठ बागेश्वर एवं पूर्व जिला प्रमुख विद्या भारती बागेश्वर के महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं और पार्टी में उनकी बहुत प्रतिष्ठा है।
रौतेला ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लिखा है कि कपकोट विधान सभा से भाजपा द्वारा काण्डा कमस्यार के निवासी  राष्ट्रीय शिक्षक नेता शिक्षाविद डा .सोहन माजिला को प्रत्याशी बनाये जाने पर दो लाभ निश्चित रूप से होंगे। .प्रथम लाभ:- उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 से पार्टी द्वारा अविरल  रूप से अनजाने में काण्डा कमस्यार की उपेक्षा हुई है। जिसके फलस्वरूप अबकी बार काण्डा कमस्यार का नारा हिट हुआ है तथा काण्डा कमस्यार के अधिकांश वोटर फ्लोटिंग हो गये है। डा.माजिला के प्रत्याशी होने पर फ्लोटिंग वोटर भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे और विजयश्री मिलेगी। दूसरा लाभ:-उत्तराखंड में शिक्षक वर्ग की नाराजी दूर होगी। उनका साथ  व विश्वास  प्राप्त होगा। उत्तराखंड में शिक्षकों  की संख्या सबसे अधिक है। शिक्षकों का कथन है हम सरकार बनाते भी है और बदलते भी है। रौतेला आगे लिखते हैं कि मेरे अनुभव में उक्त कथन सत्य साबित हुआ है। इसलिए शीर्ष नेतृत्व से गुजारिश है कि डा .सोहन माजिला का ढ़ोल बजाकर स्वागत करते हुये कपकोट विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए। उनकी जीत बिल्कुल सौ फीसदी फायदे की बात होगी। इसके साथ ही माजिला को आधा दर्जन जिला पंचायत सदस्यों के साथ ही चार से पांच दर्जन ग्राम प्रधानों का समर्थन मिलने की बात भी सामने आई है। इन सभी का कहना है कि माजिला के पिता पूर्व सैनिक भी थे,इसलिए उन्हें शिक्षकों व पूर्व सैनिकों का समर्थन मिलना भी तय है। इसके अलावा संघ पृष्ठभूमि से जुड़े शिक्षाविदों ने भी मजिला को इस बार टिकट दिये जाने की पुरजोर पैरवी की है।
उल्लेखनीय है कि कांडा क्षेत्र के पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता उमेद सिंह माजिला पहले ही सोहन सिंह माजिला को कपकोट विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने की पुरजोर मांग कर चुके हैं। इसके साथ ही कांडा कमस्यार क्षेत्र के गांव से भी लोगों ने हजारों की संख्या में सोहन सिंह माजिला के समर्थन में सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज बुलंद की है। अब देखना यह है कि इस सीट पर महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के पसंदीदा सुरेश गढ़िया को टिकट मिलता है या जनता की पसंद सोहन सिंह माजिला को। बताया जा रहा है कि टिकट न मिलने की स्थिति में कांडा कमस्यार क्षेत्र के लोग माजिला को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रत्याशी बनने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। लोगों का कहना है जब वे उनके साथ हैं तो फिर माजिला को आगे आना ही होगा। क्योंकि माजिला स्वयं भगत सिंह कोश्यारी के करीबी रहे हैं ऐसे में सारी परिस्थितियों को देखते हुए यह अब संभव नहीं लग रहा है भगत सिंह कोश्यारी सुरेश गढ़िया के नाम पर वीटो लगाने की स्थिति में होंगे। यदि उन्होंने ऐसा किया और कांडा के लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट कर दिया तो कोश्यारी की साख दांव पर लग जाएगी और और इससे सीधे-सीधे उनके राजनीतिक कद और पद प्रतिष्ठा पर सीधा असर पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भगत सिंह कोश्यारी इस सीट पर टिकट के लिए क्या रुख अपनाते हैं।

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