(युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल के आकार निधन पर रैबार पहाड़ की भावभीनी श्रद्धांजलि)-8126000289

उत्तराखंड का उभरदा संगीतकार गुंजन डंगवाल तैं भावभीनी श्रद्धांजलि

दीपक कैंतुरा

इंसान सोचदू कुछ और च पर होंदू स्वीच जु विधाता तें मंजूर होंदू यनि ह्वे उत्तराखण्ड का संगीत जगत का उभरदा सितारा गुंजन डंगवाल दगड़ी,क्या जेण थो गुंजन ड़ंगवालन की वैकी या चंदीगड़ कु सफर जिन्दगी कु आखरी सफर बणदू,छोटी उम्र मा बड़ी पछ्याण बणूण वाला गुंजन डंगवाल कु जन्म 1996 मा ह्वे थो, मात्र 26 साल की उम्र मा मां कु लाड़लू औऔर पापा कु सहारु और उत्तराखण्ड़ संगीत जगत कु सितारु छोटी सी उम्र मा दुनिया तैं छोड़ी अर हमारा दिल तोड़ी चलीगे।संगीत जगत मा युवा संगीतकार का रुप अपणी पछ्याण बणूण वाळू गुंजन डंगवाल जनपद टिहरी गढ़वाल घनसाली ब्लॉक हिंदो पट्टी ग्यारह गौं का निवासी था ,ऊंका पिता कैलाश डंगवाल पेशा सी मास्टर च ,गुंजन डंगवाल की मौत की खबर सुणि पैलि कै तें यकिन नी आई की यनु कनि ह्वे सकदू , विधाता यनि निठूर कनै ह्वे सकदी,सबि दुआ था कना कि या खबर झूठी हो लेकिन जब हकीकत मा पता चली त।पैंरों तला जमीन खिसकी गी अर सबूका का घिचा बटी येकु बात निकेली छे यनु कनै ह्वे सकदू। गुंजन ड़ंगवाल की मौत की खबर सी उत्तराखण्ड मा मातम पसरीगी ,ढ़ोल.दमों हारमोनी पोनपंछी अर सी स्टूड़यो भी धण -मण रोंण लेगी जों स्टूड़ियों मा गुंजन ड़ंगवालन संगीत दिनी थो। उत्तराखण्ड़ का संगीत जगत सी जुड़या लोगों का आंखों मां जु आंसू था सी बथाणा था की गुंजन कथका लोकप्रिय था ,सोशल मीडिया मा गुंजन डंगवाल का चाणवालू की बाढ़ सी एगी. गुंजन डंगवाल ने जी बी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलैक्ट्रीकल से बीटेक करी थो। लेकिन बचपन सी अपणी बोली भाषा अर माटी से लगाव थो संगीत का क्षेत्र मा रुची थे। भले गुंजन डंगवाल इंजनीयर था,लेकिन उत्तराखण्ड़ की संगीत जगत मा अपणी इंजनियरिंग कु यनु जादू तैयार करी, कि चैता की चैत्वाली गीत पर हर क्वे नाची, पहाड़ी साज हुड़का जना यंत्रों पर संगीत की जबरदस्त धुन तैयार करने वाले गुंजन कम उम्र में ही लाखों उत्तराखंडियों का वासियों प्रवासियों का दिलों में बसीगिन गुंजन अनेक सांस्कृतिक मंचों पर शानदार प्रस्तुतियों से बेस्ट मंच परफारमर के रूप में अपणी पहचान बणे चुकी था। उत्तराखंडी संगीत मा नए प्रयोग अर गीतों मा बेजोड़ शब्दों का माध्यम सी ऊ हर प्रस्तुति को बेहतरीन बणोंदा था पहाड़ी अ-कपेला, नंदू मामा की स्याली, ऊडांदू भौंरा जना लोकप्रिय गीतों तैं पिरोंण वाला गुंजन डंगवालन अमित सागर, रोहित चौहान के अनेक गीतों को संगीत दिनी, गुंजन हालही में पहाड़ी अ-कपेला थ्री की तैयारी कना था, यीं बात की जानकारी गुंजन ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों तैं दिनी थे। गुंजनन अपणी मेहनत और लगन सी बहुत ही कम वक्त मा उत्तराखंड का संगीत जगत मा अपणु नौं एक बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में स्थापित करी थो, गुंजन डंगवाल का आकास्मिक निधन पर प्रदेश का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,पूर्व सीएम त्रुवेंद्र रावत, कैबिनेट मंत्री धन सिंह राव,कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज,लोक गायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी,पद्मश्री प्रीतम भरतवाण,पद्मश्री बसंती देवी,बिष्ट,लोक गायिका रेखा धस्माना उनियाल ,बीना बोरा,हेमा नेगी करासी अनीशा रांगड़,समेत ऊंका हरचाण वाला ऊंतें अपणी नम आंखों सी श्रद्धांजलि दिनी, दगड़ा दगड़ी सी हूड़का हारमोनी गिटार तबला भी अफुवे मा धणमण रोंणा था जोंतैं गुंजन रोज पूजदा था सी भी आज अफुवे मा आंसू बगाणा था जै उम्र मा मां बापून भाई बंदों न दिदी भूलियों न हल्दी लगोंण थे वैं उम्र मा कपन लगाई जैं उम्र मा मां दगड़ियोंन गुंजन की बरात मा जाण थों तैं उम्र मा अंतिम यात्रा मा जाण पड़ी क्या कन विधाता कू भाग मा इथिक होलू लेखियों।
भले गुंजन डंगवाल हमारा बीच मा नी होला लेकिन संगीत जगत मा ऊंकु योगदान उत्तराखण्ड हमेशा याद रखलू, आखरि पंक्तियों मा श्रद्धांजलि
चंदीगढ़ मां बोड़िक आई गुजन त्वे तैं बोड़िक काल
उत्तराखण्ड़न ख्वे संगीत जगत कु अपणु ला
जरा निठूर विधाता कुकली उम्र पर भी नी आई त्वेंतें ख्याल
हमसी निठूर विधातान छिनी सबूकू लाड़लू प्यारु गुंजन डंगवाल।
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