देवभूमि के इस पवित्र जगह पर गणेश जी ने लिखी थी महाभारत

भगवान गणेश जी ने महाभारत की कथा को चमोली जिले में स्थित अंतिम गांव मांणा की व्यास गुफा में लिखी थी। यह गांव प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित है। जहां व्यास पोथी नाम की जगह पर दो गुफा मौजूद हैं। एक गुफा व्यास गुफा तो दूसरी गणेश गुफा के नाम से जानी जाती है। इस गुफा में व्यास जी ने कई पुराणों की रचना की थी। बता दें कि व्यास गुफा में महर्षि वेद व्यास का मंदिर बना हुआ है, जबकि गणेश गुफा में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित है। आज भी यहां दूर दराज से भक्त भगवान गणेश और महर्षि देव व्यास के दर्शन करने आते हैं।
इस तरह हुई महाभारत की रचना
पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की कथा लिखने के लिए भगवान श्रीगणेश जी को याद किया। उन्होंने गणेश जी से महाभारत लिखने का अनुरोध किया, जिस पर गणेश ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। कहा जाता है कि गणेश जी ने महर्षि वेद व्यास के समक्ष एक शर्त रख दी। गणेश जी ने महर्षि वेद व्यास से कहा कि आपको महाभारत कथा बिना रुके लगातार सुनानी होगी। इस पर महर्षि वेद व्यास ने भी गणेश से शर्त रखी कि बिना वाक्य को समझे उसे नहीं लिखेंगे। इसके बाद महाभारत लिखना शुरू हुआ।
3 साल का वक्त लगा
जब महर्षि व्यास ने बहुत अधिक गति से बोलना शुरू किया और उसी गति से भगवान गणेश ने महाकाव्य को लिखना जारी रखा। वहीं ऋषि भी समझ गए कि गजानन की त्वरित बुद्धि और लगन का कोई मुकाबला नहीं है। मान्यता है कि इस महाकाव्य को पूरा होने में तकरीबन तीन साल का वक्त लगा था। इस दौरान गणेश जी ने एक बार भी ऋषि को एक क्षण के लिए भी बोलने से नहीं रोका। इस तरह महर्षि वेद व्यास और भगवान श्री गणेश ने महाभारत की रचना की थी।

electronics
ये भी पढ़ें:  टेबल टैनिस खिलाड़ी स्तुति कुकरेती की प्रतिभा को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने किया सम्मानित

One thought on “देवभूमि के इस पवित्र जगह पर गणेश जी ने लिखी थी महाभारत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *