नितिन जमलोकी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ से लगभग 10 किमी दूर महापंथ के निकट फंसे पश्चिम बंगाल के पर्यटक के शव का सफल रेस्क्यू हो गया है। शव भारतीय वायुसेना के दो हैलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। मृतक के शव को निकालने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम द्वारा तीन बार मैनुअली रेस्क्यू अभियान चलाया गया, लेकिन खराब मौसम और भारी बर्फवारी के कारण रेस्क्यू में भारी दिक्कतों का सामवा रेस्क्यू टीम को करना पड़ा।
बता दें कि महापंथ के निकट फंसे पश्चिम बंगाल के पर्यटक के शव को निकालने के लिए आपदा प्रबंधन ने आज तीसरी बार हैलीकॉप्टरों से रेक्स्यू शुरू किया गया था। भारतीय वायु सेना के दो हैलीकॉप्टर की मदद से तथा आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में डीडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा रांसी, मनणा केदारनाथ ट्रैक पर फंसे मृतक ट्रैकर का शव का रेस्क्यू किया गया, जिसे चारधाम हैलीपैड पर लाया गया। मृतक के शव को पंचनामा की कार्यवाही के लिए जिला चिकित्सालय भेजा जा रहा है। जिलाधिकारी ने सफल रेस्क्यू अभियान के लिए टीम के सभी सदस्यों की हौसला अफजाई करते हुए सराहना की।
गौर हो कि दो अक्टूबर को दस सदस्यीय पर्यटकों का दल स्थानीय पोर्टरों व गाइडों के साथ रांसी-मनणामाई-केदारनाथ पैदल ट्रैक से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुआ था। 8 अक्टूबर को दल के महापंथ के निकट पहुंचने पर पश्चिम बंगाल निवासी 34 वर्षीय आलोक विश्वास की तबीयत बिगड़ने के बाद दल के आठ सदस्य केदारनाथ पहुंचे। महापंथ में फंसे दो पर्यटकों की सूचना जिला आपदा प्रबंधन को दी गई। 9 अक्टूबर को एसडीआरएफ ने केदारनाथ से महापंथ के लिए रेक्स्यू शुरू किया, लेकिन हिमालयी क्षेत्रों में निरन्तर बर्फबारी होने के कारण दल को वापस लौटना पड़ा। दस अक्टूबर को फिर से महापंथ के लिए रेक्स्यू शुरू किया गया। रेक्स्यू दल के महापंथ तक पहुंचने पर आलोक विश्वास की मृत्यु हो चुकी थी। दूसरे साथी की तबीयत भी खराब हो गयी थी। तब रेक्स्यू दल ने बीमार पर्यटक को केदारनाथ पहुंचाया, मगर महापंथ के मध्य अधिक बर्फबारी होने के कारण आलोक विश्वास के शव का रेक्स्यू नहीं किया गया था।

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