देहरादून:उत्तराखंड की राजनीति में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बयानों के बाद राजनीति का माहौल गरमा गया,जहां तीरथ सिंह रावत ने राज्य पर कमीशन खोरी पर चिंता जाहिर की थी,वहीं तब तक पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के सुस्त कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, जिससे कड़ाके की सर्दी के बाद प्रदेश में सियासत गरम हो गई, इन्ही दो नेताओ के बयानों के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश के गढ़वाल मंडल से ताल्लुक रखने वाले दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा जबकी हरदा कई बार आहे बगाहे सीएम पुष्कर सिंह धामी की तारीफ कर चूके हैं, हरदा ने क्या लिखा आप खुद ही पढ़े
मैं प्रतिदिन कुछ कर्म करता हूं। सफलता-असफलता, कर्म के स्वाभाविक परिणाम होते हैं। असफलता का बोझ मैं मन में नहीं रखता हूं, उसको मैं असीम शक्ति वाले परमात्मा को समर्पित कर देता हूं और परमात्मा मेरे कान पर धीरे-धीरे कहते हैं, कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।
म्यार दुईया छुट भुला तीरथ सिंह रावत ज्यू और माननीय त्रिवेंद्र सिंह रावत ज्यू, किलैं अब भ्रष्टाचारक बोझ असहनीय लागन फट गौ! हमरि सरकारल 2016 में विधिवत तौर पर लोकायुक्त का चयन कर माननीय राज्यपाल को अनुमोदनार्थ फाइल भेज दी थी। आखिर वह फाइल क्यों गवर्नर हाउस में ही दबी रह गई इसका जवाब तो मेरे दुईया छुट भुला को भी देना ही पड़ेगा न! आज लोकायुक्त होता तो अपने मन में उपजे शोक का प्रायश्चित करने म्यार दुईया छुट भुला लोकायुक्त के पास जा सकते थे। भाजपा ने शायद तय किया है, न बांस होगा-न बांसुरी बजेगी!
