घनसाली के साहिल बिष्ट हत्याकांड: राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल की हरियाणा CM से मुलाकात; हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी व पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग

साहिल बिष्ट हत्याकांड: राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल की हरियाणा CM से मुलाकात; हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी व पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग

electronics

 

अंबाला में उत्तराखंड के युवक *साहिल बिष्ट* की निर्मम हत्या के मामले में *उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) वीरेंद्र दत्त सेमवाल* ने आज चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री ** नायब सिंह सैनी** से मुलाकात की। इस बीच उनके साथ राज्य मंत्री सुरेश भट्ट जी भी मौजूद रहे।

सेमवाल ने घटना की जानकारी विस्तार से रखते हुए \*हत्यारों की त्वरित गिरफ्तारी, \*\*पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक मुआवज़ा, और \**मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट* में चलाने का औपचारिक अनुरोध किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता है और न्याय की पूरी प्रक्रिया तक वे स्वयं इस प्रकरण की निगरानी करेंगे।

उत्तराखंड का दर्द, हरियाणा की जवाबदेही

श्री सेमवाल ने मुख्यमंत्री सैनी जी के समक्ष कहा कि साहिल बिष्ट उत्तराखंड के परिश्रमी युवाओं का प्रतीक थे, जो रोज़गार की तलाश में बाहर काम करते हैं। इस तरह की घटनाएँ न केवल एक परिवार को तोड़ती हैं, बल्कि प्रवासी कामगारों की *सुरक्षा को लेकर चिंता* भी बढ़ाती हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि—

ये भी पढ़ें:  एयरफोर्स करेगी चिन्यालीसौड़, गौचर हवाई पट्टियों का संचालन

* *घटना में शामिल सभी आरोपियों की शीघ्र पहचान और गिरफ्तारी* सुनिश्चित की जाए।
* *परिवार को उपयुक्त मुआवज़ा/आर्थिक सहायता* प्रदान करने का निर्णय तत्काल लिया जाए।
* केस की *तेज़ जाँच के लिए विशेष टीम (SIT)* गठित कर समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट दी जाए।
* अभियोजन को मज़बूत बनाने के लिए *फास्ट-ट्रैक ट्रायल* और *पीड़ित/साक्षी सुरक्षा* के ठोस प्रबंध किए जाएँ।

हरियाणा की प्रारम्भिक प्रतिक्रिया

मुलाक़ात में हरियाणा की ओर से *कड़ी कार्रवाई का भरोसा* दिया गया। मुख्यमंत्री ने संवेदना प्रकट करते हुए जाँच एजेंसियों को *आवश्यक निर्देश* देने की बात कही और कहा कि राज्य सरकार *आरोपियों को क़ानूनी दायरे में लाने* तथा पीड़ित परिवार की *सम्भव सहायता* पर सकारात्मक निर्णय लेगी। अधिकारियों को *CCTV, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व स्थानीय सूचना तंत्र* के माध्यम से त्वरित प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने की बात भी सामने आई।

ये भी पढ़ें:  देहरादून समेत इन पांच जिलों में सोमवार को यानि आज बंद रहेंगे स्कूल: देखे आदेश

उत्तराखंड सरकार की संवेदनशीलता

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी** ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि प्रवासी युवाओं की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर प्रश्न है। उन्होंने अधिकारियों को हरियाणा सरकार से निरंतर सम्पर्क में रहने और पीड़ित परिवार को हर सम्भव सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि *उत्तराखंड सरकार इस मामले पर पैनी नज़र बनाए हुए है* और न्याय दिलाने की हर पहल में साथ खड़ी रहेगी।

राज्यमंत्री सेमवाल की सक्रिय पहल—केंद्र में संवेदनशील नेतृत्व

सेमवाल ने मामले से जुड़े दस्तावेज़ों व उपलब्ध साक्ष्यों का संक्षेप प्रस्तुत करते हुए *अंतर-राज्यीय समन्वय* पर बल दिया।
* उन्होंने यह भी प्रस्तावित किया कि हरियाणा-उत्तराखंड के *प्रवासी कामगारों* के लिए संयुक्त रूप से *हेल्पलाइन/नोडल अधिकारी* नामित किए जाएँ ताकि आपात स्थितियों में *त्वरित सहायता* मिल सके।
* सेमवाल ने कहा कि वे व्यक्तिगत स्तर पर पीड़ित परिवार के सम्पर्क में हैं और *हर संभव सहयोग* हेतु प्रतिबद्ध हैं।

ये भी पढ़ें:  एमडीडीए की बड़ी कार्रवाई, शीशमबाड़ा परवल रोड पर 10 बीघा जमीन पर अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त, अवैध अतिक्रमण वालों के हौसले पस्त

 घटना की पृष्ठभूमि: क्यों उबला जनमानस

अंबाला के शहजादपुर क्षेत्र में साहिल बिष्ट पर रात के समय *बाइक सवार बदमाशों* ने हमला किया था। छीनाझपटी के दौरान *घातक चाकू वार* हुए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद से *उत्तराखंड और हरियाणा दोनों राज्यों में आक्रोश* है। सोशल व सिविल सोसायटी समूहों ने *क़ानून-व्यवस्था और प्रवासी श्रमिक सुरक्षा* पर ठोस कदमों की मांग उठाई है।

दोनों राज्यों की दृष्टि से मुद्दे का महत्व

* \*उत्तराखंड दृष्टि: साहिल बिष्ट जैसे युवा बड़ी संख्या में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-NCR सहित अन्य राज्यों में कार्यरत हैं। उनकी सुरक्षा व न्याय की सुनिश्चितता \**राज्य के जन-विश्वास* से जुड़ा मसला है।
हरियाणा दृष्टि: तेज़ और पारदर्शी जाँच न केवल अपराधियों को सज़ा दिलाएगी, बल्कि राज्य की \**क़ानून-व्यवस्था व उद्योग/सेवा क्षेत्र की विश्वसनीयता* को भी मज़बूत करेगी; विशेषकर आतिथ्य, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में जहाँ बाहरी राज्यों के श्रमिक बड़ी संख्या में काम करते हैं।