Big breaking:जर्जर लक्ष्मण झूला पुल बड़े हादसे को दे रहा दावत – प्रशासन बना लापरवाह

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प्रशासन की लापरवाही के चलते हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में है। एक बार फिर लक्ष्मण झूला पुल पर भारी मात्रा में आवागमन शुरू हो गया है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
दरअसल, गर्मियां शुरू होते ही ऋषिकेश में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में लक्ष्मण झूला पुल पर पिछले 3 दिनों से भारी मात्रा में लोग आवाजाही कर रहे हैं। वहीं, कुछ दिन पहले लक्ष्मण झूला पुल का तार टूटने से हादसा टल गया था। लेकिन बावजूद इसके कोई सीख ना लेते हुए प्रशासन द्वारा ढिलाई बरती जा रही है। लोग भारी मात्रा में लक्ष्मण झूला पुल पर इकट्ठा होकर आवाजाही कर रहे हैं।
2019 में लगाया गया था आवाजाही में प्रतिबंध
12 जुलाई सन 2019 को पीडब्ल्यूडी विभाग नरेंद्र नगर द्वारा ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पुल पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। बता दें कि लक्ष्मण झूला पुल की जर्जर हालत को देखते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा एक जांच रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को भेजी गई थी। जिसमें बताया गया था कि लक्ष्मण झूला पुल का एक हिस्सा काफी जर्जर हालत में है। पुल के दो स्तंभ गंगा नदी की तरफ लगातार झुकते जा रहा हैं। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिसको देखते हुए मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार ओमप्रकाश के आदेश पर 19 जुलाई 2019 को पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की निगरानी में पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने लक्ष्मण झूला पुल को दोनों तरफ से लोहे के चादरों से बंद कर दिया था और वहां पर ईंटों से दीवार बना दी गई थी। लक्ष्मण झूला पुल पर पैदल और दोपहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था।
स्थानीयों की समस्या के चलते पैदल आवाजाही की दी थी छूट
पुल बंद हो जाने के कारण लक्ष्मण झूला में व्यापार बिल्कुल ठप हो गया था। जिस कारण लोगों द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किए जा रहे थे। सरकारी दबाव के चलते कुछ शर्तों के अनुसार लक्ष्मण झूला पुल को खोल दिया गया था। पुल खोलते वक्त यह कहा गया था कि उस पर दो पहिया वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं पुल पर 20 से 25 लोग ही चल फिर सकेंगे। लेकिन यमकेश्वर तहसील प्रशासन व टिहरी तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते लक्ष्मण झूला पुल पर फिर भारी मात्रा में आवागमन शुरू हो गया है।
अधिकारी जिम्मेदारी से झाड़ रहे पल्ला
वहीं, इस बारे में उप जिलाधिकारी यम्केश्वर और अधिकारियों से बात की गई, तो तहसील प्रशासन के अधिकारी पुलिस प्रशासन पीडब्ल्यूडी विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए अपना पल्ला झाड़ते हुए दिखाई दिए। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मोहम्मद आरिफ खान ने बताया कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश उत्तराखंड सरकार के आदेश पर 19 जुलाई को हमारे द्वारा पुल बंद कर दिया गया था। इसकी जिम्मेदारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन को दे दी गई थी। लेकिन तहसील प्रशासन और पुलिस के लापरवाही के चलते पुल पर मात्रा में लोगों का आवागमन हो रहा है। हमारे द्वारा उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।

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