एचएनबी विश्वविद्यालय में हुआ अंतरराष्ट्रीय बेबीनार का आयोजन देश-विदेश की जानी मानी हस्तियों ने लिया हिस्सा

श्रीनगर- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय भूगोल विभाग द्वारा हिमालय दिवस के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें हिमालयी राज्यों के साथ ही नेपाल तथा भूटान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. इस ऑनलाइन वेबीनार का विषय , हिमालय: मुद्दे,चुनौतियां एवं संभावनाएं रखा गया था. कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा हमारे लिए हर दिन हिमालय दिवस होना चाहिए, हिमालय पर आज अनेक संकट है विभिन्न विशेषज्ञ समितियों ने इसके लिए अपनी संस्तुतियां दी है उसी के अनुरूप हिमालय में कार्य होने चाहिए. इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कार्यक्रम के संयोजक प्रो0महाबीर सिंह नेगी विभागाद्यच भूगोल तथा आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा देश-विदेश के विभिन्न विषय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर उनके विचारों और सुझावों से निश्चित रूप से हिमालय के लिए एक नई दिशा और दशा तय होगी.

कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष भूगोल प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी ने इस अवसर पर कुलपति सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा 2012 से लगातार भूगोल विभाग हिमालय दिवस के अवसर पर सेमिनार आयोजित करता रहा है जो मुख्यतः जमीनी स्तर पर कार्यक्रम होते रहे हैं जिनमें वृक्षारोपण, पानी के स्रोतों की साफ सफाई, पर्यावरण एवं पॉलीथिन मुक्त हिमालय के लिये जागरूकता गोष्ठी, मुख्य रूप से आयोजित करते रहे हैं तथा जिनमें देश के प्रतिष्ठित पर्यावरणविद एवं विभिन्न विषय विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाता रहा है .इस अवसर पर पद्मश्री व पहाड़ के नाम से प्रमुख इतिहासकार प्रसिद्ध प्रो0 शेखर पाठक जी ने कहा कि हिमालय को हम किसी प्रांत या प्रदेश के रूप में ना देखें हिमालय को केवल हिमालय के रूप में देखें तभी हिमालय का संरक्षण संभव है उन्होंने कहा सड़क चोडी के बजाय हमें अपने दिलों को चौड़ा करना होगा.भूटान के प्रतिनिधि प्रमुख पर्यावरणविद भूटान राष्ट्रीय बैंक के पूर्व चेयरमैन व निदेशक भूटान ट्रस्ट फण्ड के निदेशक डॉ0पेमा चोफेल ने अपने विचारों में जलवायु परिवर्तन से हिमालय में बढ़ते खतरों से आगाह करते हुए हिमालयव उसके पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया.नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी शिलोंग में भूगोल विभाग के विभागद्यच वी एस मिपुन ने आसाम हिमालय में कृषि के बदलते स्वरूप को जीआईएस तकनीक से विस्तृत रूप से समझाते हुए जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ रहा है उस पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया. मिजोरम वि वि में भूगोल विभाग के पूर्व विभागाद्यच प्रोफेसर बी.पी सती जी ने मिजोरम हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग एवं इनके दोहन से हिमालय पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की.नागालैंड वि वि में भूगोल विभाग के प्रो एम एस रावत ने नागालैंड छेत्र की वन संपदा को जिसमे तरह से नुकसान पंहुचा है उसके प्रभाव एवं आग से होने वाले नुकसान व मानव पर उसके प्रभावों पर अपने विचार रखे.प्रमुख भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ0 नवीन जुयाल ने उत्तराखंड हिमालय में संसाधनों के विदोहन एवं उससे होने वाले प्रभावों पर अपने विचार रखे तथा चार धाम योजना का हिमालय पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की.चेयरमैन भूगोल विभाग हिमाचल वि वि शिमला एवं निदेशक एच0आर0डी0सी0 प्रोफेसर डीडी शर्मा ने हिमालय दिवस की उपयोगिता को समझाते हुए केवल हिमालय प्रदेश ही नहीं पूरे देश एवं विश्व में इस दिवस को मनाने की आवश्यकता है क्योंकि हिमालय का प्रभाव विश्व स्तर पर है, जलवायु परिवर्तनके कारण उत्पन्न समस्याओं का परिणापूरा विश्व भुगत रहा है.जम्बू वि वि में भूगोल विभाग कि विभागाद्यच प्रो0 अनुराधा शर्मा ने अपने प्रस्तुतिकरण में जम्मू कश्मीर से कारगिल हिमालय के संसाधनों, कृषि, स्थानीय रोजगार, उद्योग तथा आतंकवाद का स्थानीय अर्थव्यवस्था के प्रभाव पर अपने विचार रखे. अरुणाचल वि वि में भूगोल विभाग कि अध्यक्ष प्रोफेसर नंदिनी सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों की वर्तमान स्थिति,व उनका मानव जीवन पर प्रभाव परपड़ने वाले प्रभावों पर अपने विचार रखें. नेपाल में प्रमुख विकासवादी आंदोलनकारी व निर्धन बच्चों के लिये कार्य करने वाले वैश्विक स्वयसेवी संस्था के सदस्य शांतिलाल मुल्मी ने नेपाल काठमांडू के पर्यटक स्थलो, प्राकृतिक संसाधनों के अति दोहन से हिमालय पर पड़ने वाले प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए. आयोजन समिति के सचिव डॉ राजेश भट्ट ने उत्तराखंड हिमालय की प्रमुख समस्याओ पर अपने विचार रखते हुए सभी अथितियों का आभार ब्यक्त किया. इस अवसर पर आयोजन समिति के सचिव डॉ अतुल कुमार ने भी विचर ब्यक्त किया.शोध छात्रा नेहा चोहान ने कार्यक्रम का संचालन किया.इस अवसर पर प्रो अनीता रुडोला, इस अवसर पर प्रोफेसर आर एस पवार दिन स्कूल ऑफ अर्थ साइंस, अनीता रूडोला,पौड़ी परिसर के पूर्व निदेशक प्रोफेसर के. सी पुरोहित, प्रोफेसर बीपी नैथानी ड प्रोफेसर वाय पी रेवानी डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग डॉ राकेश भूषण गोदियाल, प्रोफेसर भारती, प्रोफेसर एन एम सेमवाल, डॉक्टर एसपी सती, डॉक्टर बचन लाल, डॉक्टर आरसी भट्ट, डॉ मुकेश नैथानी डॉक्टर सुनील,डॉ लक्ष्मण, डॉ भगवती पंत, डॉ नेहा तिवारी डॉ सुनीता रावत प्रमुख रूप से उपस्थित थे. शेयरी चौधरी, असलम, विकास, जी. पी सेमवाल ने तकनिकी सहयोग प्रदान किया.।

आईसीमोड काठमांडू नेपाल के पर्यावरण विशेषज्ञ सीजल ने भी भाग लिया
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