रामरतन सिह पवाँर/जखोली

शासन प्रशासन से मदद की गुहार-

जखोली के कुनियाली गांव की रहने वाली एक बृद्ध महिला चैता देबी के पास नही है कोई रहने के लिए आवास एक छप्पर के नीचे रात काट रही है अपने तीन

अनाथ पोती-पोतो के साथ
प्रखंड जखोली के अन्तर्गत कुनियाली गाँव की रहने 75 बर्षीय चैता देबी पत्नी स्वर्गीय बचन सिह का कहना है कि उसका भरा पूरा परिवार हँसी खुशी के साथ अपनी जिदंगी काट रहा कि एक समय ऐसा दिन आया कि उसके हँसते खेलते हुए परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा और चैता देबी के एकलौते पुत्र गम्भीर सिह व बहू की अचानक मृत्यु हो गयी जिसके चलते चैता देबी का परिवार पूर्ण रुप से टूट गया।बेटे और बहू के मृत्यु के बाद चैता देबी के ऊपर बेटे के तीन छोटे छोटे अनाथ बच्चे दो बेटी और एक बेटे के लालन पालन की जिम्मेदारी भी आ गयी, इस स्थिति मे अब चैता देबी करे भी तो करे क्या।आठ बर्ष पूर्व बेटे और बहू की मौत हुई थी तब इनका बेटा परमजीत 7 साल कुमारी दिव्या 4 साल और कुमारी सालनी 2 साल की थी।किसी तरह चैता देबी ने अपने बृद्धा पेशंन के सहारे अब तक इन तीनो बच्चों का भरण-पोषण सहित शिक्षा ग्रहण करवा रही है।भले ही समाज कल्याण विभाग द्वारा एक बच्चे को हर माह भरण पोषण हेतू. पेशंन भी दी जा रही है मगर यह इन अनाथ बच्चो के भरण पोषण के लिए प्रयाप्त नही है, चैता देबी बताती है कि आज सबसे बड़ी समस्या मेरे लिए अनाथ बच्चो के लिए आवास की है।मेरे पास सिर छिपाने के लिए एक टीन के छप्पर के आलावा कुछ नही है तो फिर शौचालय, गैस कनेक्शन तो बहुत दूर की बात है। चैता देबी का ये भी कहना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि ने मेरी गरीबी को नही समझा,नाही मुझे आवास दिलवाने की कोई कोशिश की,अब सवाल इस बात का है कि मै इन अनाथ बच्चो को कहां शरण दूं।जबकि सरकार का दावा है कि हर आवासहीन परिवार को प्रधानमंत्री आवास के तहत आवास दिया जायेगा ,लेकिन आवास तो दूर की बात है पर चैता देबी का चयन आवास के लिए भी नही हुआ।जिससे कि सरकार की आवास निति पर सवालिये निशान भी उठ रहे है।पूर्व क्षेत्रपंचायत सदस्य
दिनेश सिह पवांर, सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिह रावत, जगत सिह पवांर,विजय सिह पवांर, सौकार सिह, व दलेब सिह रावत का कहना है कि सरकार की गरीब परिवारो को सरकारी आवास देने की निति पूर्ण रुप से नाकाम साबित हो रही है।उन्होंने कहा है कि शासन प्रशासन द्वारा इस प्रकार से गरीबों की अनदेखी बरदाश्त नही की जायेगी उन्होंने यथाशीघ्र शासन-प्रशासन से चैता देबी को आवास बनाने हेतू सरकारी सहायता देने की मांग की है
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