टिहरी के बेरगणी गाँव मे बाघ के आतंक से दहशत में लोग

 टिहरी के बेरगणी गाँव मे बाघ की दहशत में लोग

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जनपद टिहरी गढ़वाल के थौलधार ब्लाक के ग्राम बेरगणी में आजकल बाघ की दहशत फ़ैली हुई है, जिससे सभी गाँव वाले भयंकर डर के साये में जीने को मजबूर हैं। कुछ दिनों पहले तक गाँव के लोग गाँव के नजदीक के जंगलों से रात में बाघ की आ रही आवाजों से भयभीत हो रहे थे लेकिन कल रात बाघ ने गाँव के अंदर ही दस्तक दे दी और दो मवेशियों (भैंस के बच्चों ) को अपना निवाला बना दिया। सबसे डराने वाली बात यह है कि बाघ ने  घरों के निचले हिस्से (ओवरों) में घुसकर इन मवेशियों को अपना निवाला बनाया, जबकि एक घर मे निचले हिस्से में घर के एक बुजुर्ग भी सो रहे थे । घरवालों के कहना है कि शुक्र है कि बाघ की नज़र उन पर नही पड़ी और वे बच गए। ग्राम प्रधान संदीप रावत ने बताया कि बड़ी जद्दोजहद के बाद वन विभाग की टीम मुआयना करने के लिए मौके पर पहुंची, उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित परिवारों को समुचित मुवावजा दिया जाए क्योंकि दोनों परिवार जिनके मवेशी बाघ का निवाला बने हैं अत्यंत ही गरीब हैं और उनकी रोज़ी रोटी इन्ही मवेशियों पर निर्भर है। इस घटना से एक ओर जंहा सभी ग्रामीण डरे हुए हैं वंही दिन खत्म होते ही अपने अपने घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि इस भयावह और दुखद घटना पर प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और सभी गांव वालों को इस डर से बाहर निकालने और समुचित सुरक्षा देने हेतु आवश्यक प्रयास करने चाहिए ताकि उनकी रोज़मर्रा का जीवन पटरी पर आ सके। ग्रामीणों ने कहा कि यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता तो ग्रामवासी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। समाचार लिखे जाने तक गरीब परिवारों के मुवावजे के लिए कोई आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई थी। इस अवसर पर विक्रम सिंह रावत, गोकुल रावत, भगवान सिंह रावत, त्रिलोक रावत, जगदीश रावत, गजेंद्र रावत, विनोद रावत, बिजेंद्र रावत,आदि आक्रोशित ग्रामीण विरोध कर रहे थे।प्रभावित परिवार

जगदीश सिंह रावत

त्रिलोक सिंह सजवाण

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