
इसके अतिरिक्त संस्कृत के दो अन्य मानित विश्वविद्यालयों को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है।
संस्कृत संस्थान (अब केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय) के हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, केरल इत्यादि राज्यों में 12 परिसर हैं।
देवप्रयाग में स्थित उत्तराखंड के परिसर की स्थापना जून,2016 में हुई थी। इसमें अभी संस्कृत विषयों-वेद, ज्योतिष, वेदांत, न्याय,व्याकरण, साहित्य के साथ ही आधुनिक विषयों-हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, कंप्यूटर, शारीरिक शिक्षा का अध्ययन होता है। पीएचडी की भी सुविधा है। बीएड के शीघ्र खुलने की आशा है। अनेक प्रांतों के विद्यार्थी गंगातट पर स्थित इस विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
छह सौ बेड के हास्टल, स्टेडियम समेत अनेक सुविधाओं से युक्त इस परिसर का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। देवप्रयाग में ऋषिकेश-श्रीनगर हाइवे से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर यह परिसर नरसिंहांचल पर्वत की तलहटी पर स्थित है। डा.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के मानव संसाधन विकास मंत्री रहते इस विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलना संस्कृत शिक्षा जगत के साथ ही उत्तराखंड के लिए भी बडी़ बात है। संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में यह उत्तराखंड का तक्षशिला बन सकता है। मैं चार वर्ष से यहां हिन्दी पढा़ रहा हूं और संस्कृत सीख रहा हूं।
-डा.वीरेन्द्र बर्त्वाल, देहरादून
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