बड़ी खबर- डॉ हरक सिंह रावत ने वन विभाग,पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से अब तक की सबसे बड़ी राशि 25 करोड़ रुपए सरकार को दिए-सीएम तीरथ सिंह रावत ने जताया डॉ हरक सिंह रावत का आभार

बड़ी खबर- डॉ हरक सिंह रावत ने वन विभाग,पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से  अब तक की सबसे बड़ी राशि 25 करोड़ रुपए सरकार को दिए-सीएम तीरथ सिंह रावत ने जताया डॉ हरक सिंह रावत का आभार

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(दीपक कैन्तुरा की रिपोर्ट)

सीएम रावत को 25करोड़ का चेक सौंपते हुए डॉ हरक सिंह रावत


 देहरादून-उत्तराखण्ड में जब से कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी तब से उत्तराखंड सरकार तेज तर्रार और कद्दावर नेता और वरीष्ठ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत लगातार दिन रात कोरोना रोकथाम के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। और अपने विभागों के साथ लगातार व्यक्तिगत रूप और अपने संपर्कों के माध्यम से प्रदेश में ऑक्सीजन और दवाइयों की पूर्ती में जुटे हुए हैं। फिर चाहिए बात कर्मचारी बीमा से प्रदेश के लाखों लोगों का का इलाज मुफ्त मिलेगा इसके साथ डॉ हरक सिंह रावत ने प्रदेश में  लगभग 300 आर्युवेदिक चिकित्सालयों में भी कोविड के इलाज के लिए आक्सीजन बेड की सुविधा दी। वहीं प्रदेश में ऑक्सीजन पूर्ती के लिए डॉ हरक सिंह रावत ने गुजरात से अपने दम पर 500 सिलेंडर मंगवाएं  वहीं आज  वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत जी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोरोना से जंग लड़ने के लिए 25 करोड़ की धनराशि का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। इस धनराशि का चेक उन्होंने आज मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत को सचिवालय स्थित कार्यालय में भेंट किया। मुख्यमंत्री जी ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एसपी सुबुद्धि भी उपस्थित थे।

सीएम औफिसियल पेज से

  

इसके बाद मीडिया सेन्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदेश के सभी व्यक्तियों, संस्थाओं व संगठनों से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी की वजह से पैदा हुए इस संकट में अपना यथासंभव आर्थिक योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दें ताकि सरकार इससे पर्याप्त संसाधन जुटाकर मजबूती के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 करोड़ की राशि कोरोना काल में मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की थी।

विभागीय अधिकारियों के साथ सीएम और डॉ हरक सिंह रावत


उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर साल पर्यावरण शुल्क लेता है। इससे हुई आमदनी से बोर्ड हमेशा सामुदायिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निर्वहन करता है। बोर्ड का कार्मिकों के वेतन आदि समेत का खर्च 20 करोड़ रुपया है। इस व्यय के बाद शेष बची राशि का उपयोग जनहित में भी किया जाता है। इसी मद से आज मुख्यमंत्री राहत कोष में बोर्ड से 25 करोड़ की राशि का सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चल सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दूसरी लहर के बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सरकार को दूसरी लहर से निपटने के साथ ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। एकजुट होकर और सामूहिक सहभागिता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक साल से अधिक का समय हो गया है।  हमें खुद को संभालने के साथ ही इस लड़ाई को जीतने में यथासंभव योगदान देना होगा। पर्याप्त धनराशि होने पर ही सरकार और अधिक संसाधन जुटा सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पूरे प्रदेश खासतैार पर पहाड़ी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। हर चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेण्डर और कंसंट्रेटर मुहैया करवा रही है। आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों व दवाओं की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने डॉ.हरक सिंह रावत का धन्यवाद करते हुए आभार जताया


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की फेसबुक वॉल से


(मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत की फेसबुक वॉल से)

वैश्विक महामारी कोविड -19 के प्रकोप के बीच और संकट की इस घड़ी में तमाम सरकारी व गैरसरकारी संस्थाएं सरकार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में आज प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी ने अपने विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 25 करोड़ रुपए का चेक मुझे भेंट किया। इस राशि का उपयोग एरिया सैनिटाइजेसन, अस्पतालों में मरीजों को आवश्यक बुनियादी ढांचे के प्राविधान, चिकित्सा उपकरण, दवाओं की खरीद और उपचार में किया जाएगा। मैं इस सहयोग के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी, प्रमुख सचिव वन श्री आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एसपी सुबुद्धि और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।




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