लेखिका विजय लक्ष्मी भट्ट की पुस्कत ‘कोरोना डायरी, मेरे मन की बात’, का संसदीय राजभाषा समिति ने किया विमोचन

 लेखिका विजय लक्ष्मी भट्ट की पुस्कत ‘कोरोना डायरी, मेरे मन की बात’, का संसदीय राजभाषा समिति ने किया विमोचन 

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संसदीय राजभाषा समिति, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन में लेखिका विजय लक्ष्मी भट्ट शर्मा ‘विजेता’ की पुस्तक “कारोना डायरी” मेरे मन की बात, का विमोचन किया। इस मौके पर संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों, सदस्यों ने लेखिका को इस पुस्तक के लिए शुभकामनाएं दी। 

इस मौके पर लेखिका विजय लक्ष्मी भट्ट ने कहां कि लॉकडाउन के दौरान मुझे जो अनुभव हुए। जो कुछ मैंने अपने आस-पास देखा उसे मैंने इस डायरी में पिरोने की कोशिश की है जो कभी डायरी बनती हैं,कभी कविता तो कभी कहानी। 

विजय लक्ष्मी इस पुस्तक के बारे में बताती हैं कि यह पुस्तक मेरे मन की बात डायरी के रूप में आयी है। जिसमें कोरोनाकाल में जो कुछ हम सब ने महसूस किया। जीवन के ऐसे अनुभव जिस में बहुत कुछ अपना छूटा,बहुत कुछ अच्छा और एकांत के सही अर्थों में मायने बताने वाले  कोरोना के अनुभव को मैंने इस पुस्तक में उकेरा है। इसी पुस्तक का संसदीय राजभाषा समिति,गृह मंत्रालय भारत सरकार के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने विमोचन किया। इस स्नेह और आशीर्वाद के लिए मैं सभी की आभारी हूं। 

आपको बता दें कि इससे पहले विजय लक्ष्मी भट्ट शर्मा विजया की ‘जीवन पथ पर’, बंद मुट्ठियों में कैद धूप,कही अनकही’  साँझा संकलन..‘चलो रेत निचोड़े’जैसी चर्चित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिसके लिए विजय जी को कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।

भारतीय संसद,राज्य सभा में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत विजय लक्ष्मी भट्ट मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड की निवासी है। उनकी पुस्तक “कारोना डायरी” मेरे मन की बात, को रावत डिजिटल द्वारा प्रकाशित किया गया है। 

जगमोहन ‘आज़ाद’

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