चंपावत के अदरक की खुशबू जाती है विलायत तक- अंतरराष्ट्रीय मसाला महोत्सव में भी रही धूम

चंपावत के अदरक कि महोत्सव में धूम रही

electronics

उत्तराखंड में चंपावत का अदरक बहुत ही बेहतरीन माना जाता है यह अदरक आगराखाल और चकराता के अदरक से भी आगे है। इसके जायके की खुशबू विलायत तक जाती है और कद्रदान इसे बहुत पसंद करते हैं।

मुनी की रेती में चला अंतर्राष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्स व में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत चंपावत के 1000 किसानों द्वारा पैदावार किए गए अदरक, और हल्दी की धूम रही।

शासन के सचिव और राज्य समिति सहकारी विकास परियोजना के सीपीडी श्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने चंपावत सहकारिता विभाग द्वारा लगाया गए स्टॉल का भ्रमण किया। इस स्टाल में 20 प्रकार के जैविक उत्पाद रखे हुए हैं। सुंदरम जी चंपावत के अदरक को खास ध्यान देते हुए इसे बढ़ावा दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें:  सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनसेवा केंद्रों में दस्तावेजों की गहनता से हो जांच पड़ताल के निर्देश दिये

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना ने चंपावत के 1000 किसानों को करीब ₹1 करोड़ की धनराशि देकर, उनसे अदरक पैदावार कराई है। इससे अदरक बहुत अधिक संख्या में पैदा हो गया है यदि विपणन की थोड़ी समस्या दूर हो जाए तो चंपावत का अदरक किसानों को आर्थिक रूप से बहुत लाभ का फायदा दे सकता है।
चंपावत के 1000 किसान समितियों के माध्यम से इसे बेच रहे हैं। तथा लाभ भी कमा रहे हैं और कुछ हिस्सा जो यूकेसीडीपी से फंडिंग हुआ है उसे जमा भी कर रहे हैं जिससे अदरक की खेती से किसानों का आत्मनिर्भर का सपना साकार हो रहा है।

ये भी पढ़ें:  बेटे कैंसर पीड़ित मॉ- बाप को कर रहे थे घर से बेदखल; डीएम करेंगे जिला बदर

दरअसल उत्तराखंड का अदरक कई दवाओं के काम आता है और यह विशुद्ध रुप से जैविक अदरक है 1 किलो अदरक के बीज से करीब 4 किलो खेती होती है जबकि उदाहरण के लिए बंगलुरु में 1 किलो अदरक से 15 किलो अदरक बनता है जाहिर है महानगरों में दवा, खाद का असर होता है जो 1 किलो से 4 किलो अदरक पैदा होता है।बंगलुरू का अदरक का वही रेट है। जो चंपावत के अदरक की। जैविक अदरक के बहुत फायदे हैं। खानपान में जैविक ज्यादा अहमियत रखता है

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है की पहाड़ पर अदरक की बहुत संभावनाएं हैं राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना सभी पहाड़ी जिलों में चंपावत जैसे अदरक के कलेस्टर बनाएगी। उनका मानना है कि विशुद्ध रूप से पहाड़ में जैविक अदरक आर्थिक तरक्की कर सकता है।
उन्होंने कहा सहकारिता विभाग किसानों की आमदनी 2022 में दोगुनी करने के उद्देश्य से अदरक के किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है

ये भी पढ़ें:  श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में माइक्रोसर्जरी द्वारा सफल इलाज

मुनीकीरेती में मसाला प्रदर्शनी में चंपावत के जिला सहायक निबंधक श्री सुरेंद्र पाल व प्रगतिशील किसान श्री महेश चौड़ाकोटी के नेतृत्व में स्टाल लगा जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। यहां अदरक और हल्दी की ज्यादा बिक्री हुई।
हल्दी की पैदावार भी चंपावत में 100 क्विंटल के करीब हुई है।

संपादक UkCDP

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *