चिरबिटिया में आईटीआई को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर क्रमिक-अनशन शुरू

रामरतन सिंह पंवार, जखोली

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आईटीआई को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर क्रमिक-अनशन शुरू

चिरबिटिया में दो वर्ष से बंद है आईटीआई

उत्तराखंड क्रांति दल ने दिया आंदोलन को समर्थन

जखोली। पिछले दो वर्ष से चिरबिटिया में बंद पड़े राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को संचालित करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने जल्द आईटीआई के शुरू न होने पर सांकेतिक चक्काजाम और भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया है।

विकासखंड जखोली की लस्या पट्टी के चिरबिटिया में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोगों ने क्रमिक-अनशन शुरू कर दिया है। पहले दिन क्रमिक-अनशन पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सैन सिंह मेहरा, जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल, प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा, पूर्व प्रधान प्रेम सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह बैठे रहें आंदोलनकारियों ने कहा कि वर्ष 1992 में आईटीआई की स्थापना हुई थी। 29 वर्षों से स्थापित आईटीआई को वर्ष 2019 में सरकार ने बंद कर दिया। जबकि आईटीआई के लिए स्थानीय लोगों ने लुठियाग-चिरबिटिया में करीब 20 नाली जमीन भी दी गई।

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संघर्ष समिति के अध्यक्ष सैन सिंह मेहरा का कहना है कि किराए के भवन पर ही आईटीआई संचालित हो रहा था। सरकार ने भवन न होने की बात कहकर आईटीआई को बंद कर दिया। जबकि चिन्हित जमीन पर भवन के लिए पैसा भी स्वीकृत हो गया था। जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल का कहना है कि उन्होंने आईटीआई के लिए अपना मकान भी दिया है। नए भवन बनने तक वह अपना मकान निशुल्क देने के लिए तैयार हैं।

प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा का कहना है कि लगातार शासन से पत्राचार के बावजूद आईटीआई शुरू नहीँ किया गया। आखिरकार हमने आंदोलन का निर्णय लिया है।

पूर्व प्रधान प्रेम सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह का कहना है कि तत्कालीन यूपी सरकार में आईटीआई को स्वीकृत कराने में दिन-रात मेहनत की गई और आज उत्तराखंड सरकार व्यावसायिक संस्थानों को बंद करने पर तुली हुई है। ऐसे में युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आईटीआई में पर्याप्त मशीनें और स्टॉफ मौजूद है। यहां एनसीवीटी द्वारा आईटीआई को संचालन करने में किसी तरह के अतिरिक्त खर्च की जरूरत नहीं है। आंदोलनकारियों ने कहा कि आईटीआई का लाभ रुद्रप्रयाग के साथ ही टिहरी जनपद के युवाओं को मिल रहा था। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद अधिकतर लोग आज देश और प्रदेश के विभिन्न कोनो में सेवाएं दे रहे हैं।

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इस मौके पर प्रधान त्यूंखर दर्शनी देवी पंवार, विक्रम पंवार, बीरेंद्र कंडवाल, अर्जुन मेहरा, गुमान सिंह कैंतुरा, प्रधान पालकुराली कमला देवी, प्रधान प्रतिनिधि रतन सिंह रावत, अमर सिंह कैंतुरा, उपाध्यक्ष ग्राम प्रधान तितराना वीरेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष कुंवर सिंह, व्यवस्थापक सम्पूर्ण सिंह कैंतुरा, सलाहकार रूप सिंह मेहरा, प्रेम सिंह मेहरा, प्रबंधक रूप सिंह मेहरा, सदस्य भाग सिंह, कर्ण सिंह, केदार सिंह, बचन सिंह, त्रिलोक सिंह, गजेंद्र सिंह, गुमान सिंह, कीरत सिंह, पूर्वा देवी सहित कई लोग मौजूद थे।

संस्थान बंद कर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही सरकार: मोहित डिमरी

जखोली। उत्तराखण्ड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने चिरबिटिया में आईटीआई को पुनः संचालित करने को लेकर चल रहे आंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने धरना स्थल पर पहुँचकर कहा कि आज अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। बिना आंदोलन के सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा। उन्होंने कहा कि सरकार व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों को बंद कर यहां के युवाओं का भविष्य चौपट करना चाहती है।

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मोहित डिमरी ने कहा कि आईटीआई चिरबिटिया के साथ ही कृषि महाविद्यालय का निर्माण भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द आईटीआई चिरबिटिया के भवन का निर्माण शुरू करना चाहिए। आईटीआई के दोबारा संचालन न होने पर जनता उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड क्रांति दल इस लड़ाई में आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

इस मौके पर उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान एवं उक्रांद आईटी प्रकोष्ठ के जिला महामंत्री सुमित कठैत ने कहा कि सरकार को जल्द आईटीआई को शुरू करना चाहिए।

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