अंकिता हत्याकांड मामले में तीनों आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर न कराने पर फैसला टल गया है। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से समय मांगा है। मामले में अब 10 जनवरी को फैसला आएगा।

बता दें कि एसआईटी की ओर से बीते नौ दिसंबर को अदालत में अर्जी लगाई गई थी जिसमें तीनों आरोपियों से उनकी सहमति मांगी गई थी। जिसपर बीतें मंगलवार को इस मसले पर अदालत में गोलमोल जवाब मिलने और बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज मसले पर फैसला होना था, जिसे 10 जनवरी तक टाल दिया गया है।
मंगलवार को कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवाण ने बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की ओर से अदालत के आदेश के क्रम में नार्को टेस्ट के संबंध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है। पत्र में उसने कहा है कि पुलिस की ओर से उसके झूठे बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस राजनीतिक व्यक्तियों और मीडिया के दबाव में केवल दो प्रश्नों को ही नार्को टेस्ट में शामिल कर रही है, जबकि अन्य तथ्यों का उजागर होना भी जरूरी है।

पुलकित ने नार्को टेस्ट कोर्ट के संरक्षण में ही कराने की बात कही है। इसके साथ ही नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी भी कोर्ट के समक्ष लाइव कराने की शर्त लगाई है। यह भी शर्त लगाई गई है कि नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी की टेंपरिंग न हो। नार्को टेस्ट के दौरान उसे अपने वकील को साथ रखने की अनुमति भी प्रदान की जाए।

आरोपियों ने रखी ये शर्तें
• नार्को टेस्ट कोर्ट के संरक्षण में ही कराया जाए
• टेस्ट की वीडियोग्राफी भी कोर्ट के समक्ष लाइव कराई जाए।
• नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी की टेंपरिंग न हो।
• इस दौरान वकील को साथ रखने की अनुमति प्रदान की जाए।
आरोपी पुलकित आर्य ने इन सवालों को भी शामिल करने को कहा
• अंकिता को नहर में धक्का किसने दिया और उसे मारने की साजिश किसने रची।
• घटना की शाम अंकिता अपनी मर्जी से हमारे साथ गई थी या उसे जबरदस्ती ले गए।
• क्या किसी ने अंकिता को बचाने की कोशिश की।
• क्या हमने अंकिता को किसी वीआईपी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाया।
• अंकिता के परिवार एवं मित्र पुष्प के साथ अंकिता के कैसे संबंध थे। इस बारे में अंकिता ने हमें क्या-क्या बताया।
• अंकिता का दोस्त पुष्प उसके साथ शादी के लिए क्यों मना कर रहा था। अंकिता ने इस बारे में हम तीनों को क्या-क्या बताया।
क्या है मामला
पौड़ी निवासी अंकिता 18 सितंबर 2022 को लापता हुई। चार दिन बाद पुलिस ने उसकी हत्या का केस दर्ज कर भाजपा नेता और पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, उसके दोस्त सौरभ और अंकित को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि अंकिता पर एक वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया गया था। वीआईपी के बारे में और हत्या से जुड़े कुछ सवालों का जवाब जानने के लिए एसआईटी ने कोर्ट में तीनों आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफिक टेस्ट कराने की अनुमति के लिए अर्जी दी।
पहली सुनवाई में पुलकित और सौरभ ने सहमति प्रदान की जबकि अंकित ने दस दिन का वक्त मांगा। दस दिन बाद हुई अगली सुनवाई में तीनों ने नार्को टेस्ट से इनकार कर दिया। पुलकित और सौरभ ने पूर्व में दी सहमति का पत्र वापस ले लिया।
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