पहाड़ों की रानी मसूरी और दून घाटी के बीच 2000 से ज्यादा पेड़ कटाई मामले में नैनीताल हाईकोर्ट की सुस्ती पर सुप्रीम कोर्ट नाराज दिखा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली बेंच इस मामले पर जल्दी सुनवाई करे।
बता दें कि मसूरी और देहरादून के बीच यातायात की सुविधा बेहतर हो सके, इसके लिए सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है, लेकिन यहां घाटी के घने हरे भरे हिस्से में विभिन्न प्रजातियों के 2057 पेड़ों की कटाई को लेकर मामला अटका हुआ है। इन पेड़ों की कटाई के खिलाफ एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की जा चुकी है, जिस पर सुनवाई में तेज़ी लाने के निर्देश अब सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।

तमाम मुद्दों को उठा सकते हैं याचिकाकर्ता
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ‘हम याचिकाकर्ता और राज्य को दो अगस्त को हाईकोर्ट के सामने कार्यवाही में उल्लेख करने की अनुमति देते हैं ताकि जनहित याचिकाओं पर विचार करने वाली हाईकोर्ट की पीठ एक सप्ताह के भीतर इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर सके।’
याचिकाकर्ता आशीष कुमार गर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील संजय पारिख को सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वतंत्रता दी कि वह हाइकोर्ट में लंबित कार्यवाही में सभी उपयुक्त मुद्दों को उठा सकते हैं। मुद्दों में प्रत्यारोपण की व्यवहार्यता और पेड़ों की कटाई की आवश्यकता शामिल है।

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