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रेस्क्यू का पल पल का अपडेट ले रहें सीएम धामी,मोर्चे पर डटी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस प्रशासन,वायु सेना के हैलिकॉप्टर ,अभी तक 7200 लोगों का सफल रेस्क्यू

 

रेस्क्यू का पल पल का अपडेट ले रहें सीएम धामी,मोर्चे पर डटी एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस प्रशासन,वायु सेना के हैलिकॉप्टर ,अभी तक 7200 लोगों का सफल रेस्क्यू

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रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में विभिन्न स्थानों पर फंसे 7200 से ज्यादा यात्रियों को शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू किया जा चुका है। व्यापक स्तर पर संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस के साथ ही वायु सेना की भी मदद ली जा रही है।

केदारनाथ पैदल मार्ग से वीरवार शाम और शुक्रवार दोपहर पत्थरों में दबे दो शव बरामद हुए हैं। जबकि, एक व्यक्ति वीरवार देर शाम ही घायलावस्था में निकाला जा चुका है। इस बीच, सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पुन: भूस्खलन होने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एसडीआरएफ-एनडीआरएफ का बनाया वैकल्पिक मार्ग यहां बोल्डरों के गिरने से खत्म हो गया। एसडीआरएफ ने ड्रोन की मदद से रेकी करके नदी किनारे से नया वैकल्पिक मार्ग तैयार किया और रोप की मदद से लोगों को निकाला।

एक दिन पहले बनाया वैकल्पिक मार्ग भूस्खलन से क्षतिग्रस्त, एसडीआरएफ ने बनाया नया रास्ता

 

केदारनाथ क्षेत्र में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा खुद मौके पर रहकर कर रहे हैं। एसडीआरएफ के अनुसार, वीरवार को सोनप्रयाग-गौरीकुंड पहाड़ी मार्ग पर अचानक मलबा और बोल्डर गिरने से रेस्क्यू के लिए उपयोग में लाया जा रहा 2 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग ध्वस्त हो गया। इस पर ड्रोन की मदद से शुक्रवार को विकल्प तलाशा गया। इसके बाद नदी के किनारे-किनारे वैकल्पिक मार्ग से होते हुए यात्रियों को रोप के सहारे सुरक्षित तरीके से सोनप्रयाग लाया गया।

दूसरी ओर लिंचोली में रुके यात्रियों को भी हेलीपेड पहुंचाया गया, जहां से वायु सेना के एमई-17 और चिनूक के माध्यम से लोगों को निकाला गया। देर शाम एसडीआरएफ की ओर से बताया गया कि लगभग 1800 यात्रियों को बाधित मार्ग से पार कराया गया। शुक्रवार को पैदल यात्रा मार्ग पर कुल 3,500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसके अलावा केदारनाथ व लिंचोली से हेली के माध्यम से 780 यात्रियों को रेस्क्यू किया गया।

थारू कैंप के पास एसडीआरएफ लगातार कर रही सर्चिंग, पत्थरों के बीच से एक घायल निकाला

दो दिनों से लगातार सर्चिंग में लगी एसडीआरएफ टीम को लिंचोली के पास थारू कैंप में शुक्रवार को एक शव मिला, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है। शव सिविल पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। इससे पूर्व वीरवार देर शाम भी इसी इलाके में बोल्डरों के नीचे दबे एक व्यक्ति का शव एसडीआरएफ ने बरामद किया था वहीं, करीब 18 घंटे से बोल्डरों के बीच फंसे एक अन्य व्यक्ति को घायलावस्था में निकालकर अस्पताल भिजवाया गया। एसडीआरएफ कमांडेंट मिश्रा ने अगस्त्यमुनि और रतूड़ा से मौके पर पहुंची 2 बैकअप टीमों को सर्च और रेस्क्यू अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, लिंचोली और केदारनाथ के हेलीपैड पर तैनात एसडीआरएफ की चार टीमों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राज्यभर में कुल 17 मौतों की आधिकारिक पुष्टि, केदारघाटी में 18 हजार फूड पैकेट भिजवाए

 

राज्य सरकार की ओर से महानिदेशक (सूचना) बंशीधर तिवारी ने बुधवार शाम से अब तक 7200 से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य में बुधवार शाम को आई आपदा में कुल 17 लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि हुई है। केदारघाटी में रेस्क्यू ऑपरेशन में वायु सेना और राज्य सरकार के कुल 6 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। रुद्रप्रयाग के जिलापूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि केदारनाथ, लिंचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी व चैमासी सहित विभिन्न पड़ावों पर शुक्रवार दोपहर तक 18 हजार से ज्यादा फूड पैकेट्स और 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं।