सीएम पीएम आवास के बाहर धरना दें हम पूरा पूरा साथ देंगे-सुरेन्द्र

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सलाहकार व मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री धामी को केन्द्र से उचित सहायता सहयोग न मिलने पर प्रधानमंत्री आवास पर धरना देने की सलाह देते हुए कहा कि हम भी आपका साथ देंगे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी ने नीति आयोग के समक्ष फलोटिंग जनसंख्या, सीमान्त क्षेत्रों के विकास, वन भूमि स्थनानंत्रण की प्रक्रिंया, कैम्पा फंड़ में हिस्सेदारी, कैम्पा में राज्य का प्रतिनिधित्व, ग्रीन बोनस, नदीयों का पुर्नजीवन, फोरेस्ट कलेरेंस, दून घाटी अधिसूचना, जीएसटी प्रतिपूर्ती को 2022 तक बढ़ाने की जो मांग सहित आदि डेढ़ दर्जन से अधिक मुददें रखे है हम उन सबका समर्थन करते है और इसलिए मुख्यमंत्री जी से आग्रह करते है कि वे थोड़ा साहस दिखाकर प्रधानमंत्री आवास पर धरना दें हम भी उनके साथ है। अकेले जीएसटी में अभी तक मात्र 1832.3 की प्रतिपूर्ती होने से राज्य को पॉच हजार करोड़ रुपये की हानि का आंकलन किया जा रहा है जो भी बहुत चिन्ताजनक है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी लगभग 3, 4 बार राज्य के भ्रमण के लिये आये है, नीति आयोग बने हुए भी पॉच वर्ष से अधिक का समय हो गया है भाजपा के इस साढ़े चार वर्ष के शासनकाल में दो अन्य मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री सहित केन्द्र के अन्य नेताओं के समक्ष इन्ही योजनाओं पर निरंतर विलाप करते रहे है। नीति आयोग की संचालन समिति, जीएसटी कांउसिंल। 14वें व 15वें वित आयोग से बटवारें में भी राज्य को तीन हजार करोड़ रुपयों के लगभग की हानि हुई है जिसकी भरपाई का आश्वासन स्व0 वित मंत्री अरुण जेटली ने किया था। वित आयोग सहित केन्द्र सरकार से भी राज्य को न्याय न मिल पाना प्रचंण्ड बहुत वाली सरकार के साथ-साथ राज्य की जनता का अपमान है। उन्होने कहा कि भाजपा के पिछले दो पूर्व मुख्यमंत्री भी निरंतर प्रधानमंत्री, वित मंत्री सहित केन्द्र सरकार के सम्मुख इन सब योजनाओं पर विलाप करते रहे है अब स्टापगैप (टेम डक) मुख्यमंत्री का उन्ही योजनाओं पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के सामने भी यही रोना भाजपा की साढ़े चार वर्ष की सरकार को हास्यपद बना रहा है, लगता है प्रधानमंत्री जी ने जो डबल इंजन देने की बात कही थी वो भी राज्य की जनता के साथ बड़ा मजाक रहा है, स्पष्ट है कि भाजपा के तीनों मुख्यमंत्री भी केन्द्र से राज्य को न्याय नही दिला पायें है। आज तो कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा जारी की गई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को भी नाम बदलकर प्रधानमंत्री के नाम की जा रही है जब भाजपा के इस साढ़े चार वर्ष में तीन मुख्यमंत्री की केन्द्र में प्रधानमंत्री सहित केन्द्र के किसी भी मंत्रालय सुनवाई नही हुई तो वर्तमान मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री निवास पर धरना देने का साहस जुटाना चाहिए। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड़ राज्य के ऊपर बढ़ता हुआ कर्ज साबित करता है कि केन्द्र से राज्य को उचित सहायता सहयोग नही मिल रहा है और अब तो मुख्यमंत्री स्वयं घोषणावीर हो गये है घोषणाओं की बाढ़ आ गई है सौतेला व्यहवार केन्द्र सरकार द्वारा बिजली का कोटा कम करना व पिथौरागढ़ के लिये प्लेन न देना भी दर्शाता है। लगता है कि प्रधानमंत्री जीम मात्र पीठ थपथपा कर ही काम चलाना चाह रहे है।

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