रैबार पहाड़ का,देहरादून


भभगवान शिव के इस प्रखर रूप को रूद्र रूप की परिभाषा हमारे शास्त्रों में भगवान रूद्र का बहुत ही सुंदर वर्णन मिलता है। जिसमें उनके पांच सिर और धड़ एकदम पारदर्शी और चमकीला बताया गया है। उनके भाल में सुशोभित
चंद्रमा विद्यमान है और वहां से गंगा निरंतर प्रवाहित होती दिखती है। गले में सर्प और बगल में माता पार्वती उनके पास बैठी दिखाई देती हैं।
त्रिनेत्रधारी रूद्र भगवान के चार हाथों में से एक में त्रिशूल, बाकी आशीर्वाद-वरदान देते और हिरण के साथ दिखाई देते हैं। यह बात आज नेशविलारोड गढ़वाल हाल मन्दिर में महिला कल्याण समिति द्वारा आयोजित शिवपुराण में कलश यात्रा के बाद भक्तों को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगाँई ने कहा
इसी कारण से भगवान शिव का रूद्राभिषेक भी जब किया जाता है तो वह भी उनके रूपों की भांति 11 बार ही करने की परंपरा चली आ रही है।
मान्यता है कि भगवान हनुमान उनके 11 वें रूद्रावतार ही हैं, जो इस रूप में श्रीराम की उनके इस धरती पर अवतार की सहायता करने के लिए आए थे।
.
वह लोक-परलोक दोनों के भगवान हैं।
भगवान इस रूप में भक्तों के सारे कष्ट हरते हैं।
भगवान रूद्र के नाम में ही उनके पालनहार होने के रहस्य छुपे हैं। भगवान शिव के रूद्र रूप को पालनहार और संहारक दोनों ही संज्ञा प्राप्त है। इसीलिए जब वह इस रूप में आते हैं तो हर कहीं प्रलय आ जाता है।
. लेकिन उनका सौम्य रूप अत्यंत श्वेत
और करूणामयी है।
ऋग्वेद और यजुर्वेद में रूद्र भगवान को पृथ्वी और स्वर्ग के बीच बसी दुनिया के ईष्टदेव के रूप में बताया गया है। दरअसल इस सृष्टि में जैसे जीवित रहने के लिए प्राणवायु का महत्व है, उसी प्रकार रूद्र रूप का भी अस्तित्व सर्वोपरि है। उपनिषदों में भगवान रूद्र के ग्यारह रूपों को शरीर के 10 महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत मानने के साथ ही 11 वें को आत्म स्वरूप माना गया है। सृष्टि में जो भी जीवित है, इन्हीं की बदौलत है। मृत्यु पश्चात् आपके सगे-संबंधियों को रोना आता है। इसीलिए रूद्र को पवित्र अर्थों में रुलाने वाला ही कहा जाता है जो शिव की भक्ति करता है तो भक्त को दुख देना पर शिव काल को भी रुलाते हैं आज विशेष अध्तक्ष लक्ष्मी बहुगुणा सुजाता पाटनी महासचिव, सरस्वती रतूड़ी देवेश्वरी बम्पाल रेखा बडोनी रोशनी सकलानी मंजू बडोनी आशा रावत राजेश्वरी चमोली आचार्य दामोदर सेमवाल आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य दिवाकर भट्ट आचार्य अजय जुयाल सुषमा थपलियाल गिता काला नन्दा तिवारी लक्ष्मी गैरोला चन्दा बडोनी अनिता भट्ट आचार्य वाचस्पति डिमरी दीपक उनियाल

Simply want to ssay your article iss as amazing. The clarity in your submit is simply excellent and i can assume you’re an expert
oon this subject. Well with your permission let me to snatch
your RSS feed to stay updated with deawing close post.
Thank you a million and please carry on the gratifying work. https://glassiuk.Wordpress.com/