-कोशियारी के करीबी सोहन सिंह माजिला टिकट की दौड़ में आए
-कांडा क्षेत्र के लोगों ने लगाया उपेक्षा का आरोप, इस बार टिकट में चाहते हैं भागीदारी

बागेश्वर। भारतीय जनता पार्टी में इस बार कई ऐसी सीटों पर भी घमासान शुरू हो गया है जो भाजपा के दिग्गजों की वजह से कभी आम राय वाली सीट मानी जाती थी। इस तरह की एक सीट जनपद बागेश्वर की कपकोट सीट है। कपकोट से वैसे तो सीएम के करीबी सुरेश गढ़िया को टिकट मिलने की बात कहीं जा रही है, लेकिन इस दौरान महाराष्ट्र के गवर्नर और पूर्व में भाजपा के दिग्गज नेता भगत सिंह कोश्यारी के करीबी रहे डॉक्टर सोहन सिंह माजिला ने भी तगड़ी दावेदारी कर दी है। माजिला 1989 से भगत सिंह कोश्यारी के साथ काम कर रहे हैं और वह विद्यार्थी परिषद के माध्यम से भाजपा से करीब से जुड़े हुए हैं। डा. सोहन सिंह माजिला के लिए कांडा के पूर्व विधायक और वर्तमान में क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता उमेद सिंह माजिला ने भी भाजपा हाईकमान को पत्र लिखा है। यही नहीं माजिला के पक्ष में कांडा क्षेत्र के सैकड़ों गांव के लोग सामने आ रहे हैं।
इस वजह से एक बार फिर भाजपा के इस मजबूत गढ़ में अंदरखाने ही जबरदस्त खींचतान चुनाव से पहले ही शुरू हो गई है।
माजिला पिछले लंबे समय से शिक्षकों की राजनीति कर रहे हैं और लगातार दो बार से वे राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री के पद पर काम भी कर रहे हैं। 2007 में कांडा विधानसभा क्षेत्र के कपकोट में विलय होने के बाद से कांडा का इलाका पूरी तरह नेतृत्व विहीन चल रहा है। उस परिसीमन के बाद लगातार यहां से कपकोट के लोगों को ही टिकट मिला और उन्होंने ही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। कांडा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कांडा का प्रतिनिधि नहीं होने की वजह से क्षेत्र की बहुत उपेक्षा हुई है और यहां के लोग इस बार हर हाल में कांडा के ही किसी व्यक्ति को टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2002 में कांडा क्षेत्र से उमेद सिंह माजिला विधायक बने थे और उसके बाद परिसीमन मैं कांडा क्षेत्र खत्म होने के के बाद लगातार कपकोर्ट के नेता ही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कपकोट विधानसभा क्षेत्र दो घाटियों में बंटा हुआ है जिसमें से एक है कपकोट, जहां 108 गांव हैं जबकि दूसरा क्षेत्र कांडा कमस्यार का है, यहां 88 गांव हैं। यदि कांडा कमस्यार के लोगों ने अपने क्षेत्र की उपेक्षा मानते हुए विरोध में वोट डाल दिया तो इस बार भाजपा के इस गढ़ में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिछले कई दिनों से कांडा क्षेत्र से एक आवाज भी उठ रही है इस बार कांडा के लोगों को भाजपा प्रत्याशी बनाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो कांडा से कोई व्यक्ति निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में खड़ा हो। ऐसे में माना जा रहा है इस बार का कांडा के लोग जो अब तक भगत सिंह कोश्यारी के प्रभाव के चलते भाजपा को वोट करते रहे हैं, वह भाजपा से दूरी बनाकर के भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्षेत्र में अभी सुरेश गढ़िया के साथ ही वर्तमान विधायक बलवंत सिंह भौर्याल की भी दावेदारी है। गढ़िया और भौर्याल दोनों ही कपकोट से ताल्लुक रखते हैं जबकि यहां से ताल ठोकने वाले शिक्षक नेता सोहन सिंह माजिला कांडा क्षेत्र से अकेले दावेदार बताये जा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि कांडा क्षेत्र के बहुत सारे लोगों ने अपनी इस भावना से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को भी अवगत करा दिया है। कांडा क्षेत्र के लोगों ने पिछले दिनों कांडा महोत्सव में अपनी ताकत का भी एहसास मुख्यमंत्री धामी को करा दिया है। बहुत ही अल्प समय में आयोजित इस महोत्सव में क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रतिभाग कर कांडा की भावनाओं को सरकार के सामने रख दिया है।
बताया जा रहा है कि माजिला की दावेदारी से भाजपा के दिग्गज सकते में हैं। उनकी ओर से माजिला को यही समझाया जा रहा है कि वह अभी नौकरी करें, भविष्य में उन्हें अवसर दिया जाएगा। मगर कांडा कमस्यार के लोग इस बार हर हाल में अपने क्षेत्र से ही टिकट चाह रहे हैं। अब देखना यह है कि भाजपा अपने इस गढ़ में आम राय बना पाती है या फिर लंबे समय बाद कांडा कमस्यार के लोगों को संतुष्ट करने के लिए माजिला पर दांव खेलती है।

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