18 साल से कम उम्र के बच्चों ने वाहन चलाया तो खैर नहीं!

देहरादून। अब 18 साल से कम उम्र के छात्र-छात्राओं को बाइक या स्कूटी चलाना महंगा पड़ेगा। नाबालिग छात्र-छात्राओं पर गाड़ी चलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, उत्तराखंड के एक पिता ने पुलिस से नाबालिग बच्चों के गाड़ी चलाने को लेकर अपील की है। जिसपर डीजीपी अशोक कुमार ने भी इस पिता की अपील को सुना और तुरंत एक्शन के निर्देश दिए। इसके तहत स्कूल के बाहर बच्चों के वाहनों और लाइसेंस की चेकिंग की जाएगी।

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बता दें कि नाबालिग बच्चों के गाड़ी चलाने के संबंध में देहरादून निवासी एक रिटायर्ड फौजी ने उत्तराखंड पुलिस से सीधा सवाल करते हुए अपनी शिकायत लिखी है। उन्होंने लिखा कि अक्सर हम दूसरों की देखा-देखी अपने बच्चों को कम उम्र में ही स्कूटी या फिर बाइक थमा देते हैं। मगर सोचने वाली बात यह है कि क्या बच्चे अभी इन सब चीजों के लिए तैयार हैं?

रिटायर्ड फौजी ने पुलिस को लिखा कि उनका बेटा अभी क्लास 11वीं में पढ़ता है। उसकी उम्र अभी 18 साल नहीं है। उसके कई साथी स्कूल में बाइक या स्कूटी से जाते हैं, जिस वजह से वो भी बार-बार स्कूल में स्कूटी ले जाने की जिद करता है। जब परिवार मना करता है तो इस वजह से घर में कई बार कहासुनी भी हो जाती है। ऐसे महीने में दो से तीन बार होता है, जिससे अक्सर घर का माहौल अशांत और तनावपूर्ण रहता है। पिता के मुताबिक उनका बेटा कहता है कि यदि उसके दोस्त के माता-पिता उनको स्कूटी या बाइक लाने देते हैं तो वो क्यों नहीं ले जा सकता है। अपनी चिंता जाहिर करते हुए पिता ने पुलिस ने कहा कि वो बच्चों और स्कूल को चेतावनी देने के लिए एक अभियान चलाएं क्योंकि जब पुलिस बच्चों को चेक नहीं करती तो बच्चों के हौसले बुलंद होते हैं। वहीं पिता की समस्या का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड पुलिस ने तुरंत एक्शन भी लिया है।

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