- विभिन्न महिला समूहों ने यात्रा के दौरान करीब 48 लाख रुपए का किया कारोबार
- अकेले केदारनाथ प्रसाद से हुआ लगभग 44 लाख का व्यवसाय
- 100 से अधिक महिलाओं को मिला सीधा रोजगार
कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार जिले के लिए कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से सुचारु यात्रा का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकाॅर्ड 15 लाख, 63 हजार से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ धाम पहुंचकर इस इंतजार को समाप्त किया। जिले में संचालित महिला समूहों के लिए भी यह यात्रा सुखद साबित हुई, कोरोनाकाल के बाद इस वर्ष महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष करीब 48 लाख रुपए का व्यापार किया।
यात्रा से मिला आत्मनिर्भरता को आधार
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार का मंत्र अपना कर दूसरों को रोजगार देने की अपील से प्रभावित जिले की महिलाएं सीधे तौर पर केदारनाथ यात्रा में अपना योगदान दे रही हैं। जिले में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने के साथ ही अन्य उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं। प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
केदारनाथ में प्रसाद बेच कर महिलाओं ने किया 43.50 लाख रुपए का व्यवसाय
श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई यह यात्रा बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चैलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को राॅयल्टी दी जाती है। उधर एनआरएलएम के ब्लाॅक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 रुपए का कारोबार किया है।
रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा
केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चैलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों में उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चैलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए 100 कुंतल चैलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।
सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र को मिली नई पहचान
श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र की शुरुआत इसी यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने खुशी जताते हुए बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों हेतु रणनीति तैयार की जाएंगी। उधर सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया।

Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino bonus.