मानवता की मिसाल,अनाथ बेटियो की मदद को बढाये हाथ

रामरतन सिह पंवार/जखोली




आज भी समाज मे गरीबो व अनाथ छूटे बच्चो को सहारा देने वालो की कमी नही है,जो कि अपने आप मे किसी भगवान से कम नही है।


जखोली- विकासखंड के अन्तर्गत कपणियां गाँव नौ बर्षीय खुशी के माता पिता की कुछ समय पूर्व अचानक मृत्यु हो गई थी जिसके कारण इकलौती 9साल की मासूम बेटी खुशी अब अनाथ होकर जीवन गुजारने को मजबूर है।हालाकि अब चाचा-चाची ने इस अनाथ बच्ची के पालन-पोषण की जिम्मेदारी अपने हाथो मे ले रखी हो लेकिन अपने माता-पिता का प्यार अपने बच्चों के लिए कुछ और ही होता है।

वही दूसरी ओर जखोली के ही पालाकुराली गाँव की तीन बेटिया- काजल(15),रबीना(13), दीया(11) साल कोरोना काल मे पिता की मृत्यु के बाद बूढी दादी के साथ बेसहारा छूट गई। इनके सामने भी अपनी लंबी जिंदगी गुजारने की चुनोती भी है।
आपको अवगत करा दे कि इन
इन दोनो गाँवो के बेसहारा,अनाथ
बच्चियो को की मदद करने गढवाल विश्वविद्यालय श्रीनर
के शिक्षणोत्तर-कर्मचारी
संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र सिह भण्डारी ने मासूम बेटी के घर पहुचकर उसकी शिक्षा एंव भविष्य सवारने के लिए आर्थिक मदद के लिए आगे आकर मानवता की मिसाल दी है। राजेंद्र भण्डारी ने खुशी के चाचा-चाची जो अब उसकी देखभाल कर रहे है से कहा कि जब तक खुशी 21 साल की नही हो जाती है तब तक वे हर महीना अपनी वेतन से 1हजार रुपया प्रति महीना देते रहेगे,जिसमे पाँच सौ(500) की बैक आर.डी. जमा होती रहेगी ताकि 21साल बाद खुशी को एक बड़ी पूंजी मिल सके। साथ ही पाँच सौ(500) प्रति माह खुशी के खाते मे उनके वेतन से उसकी पढाई के लिए आते रहेगे।
राजेंद्र सिह भण्डारी ने कहा कि अगर खुशी पढाई मे अच्छी मेहनत करेगी तो वे उसे ओर भी आर्थिक मदद करेगे, श्री भण्डारी ने लोगों से भी अपील की है कि समाज मे लोग नशे-शराब जैसे बुरे व्यसनों पर हजारो फालतू मे खर्चा करते है,उससे अच्छा ऐसे अनाथ जरूरतमन्दों की मदद करे। साथ ही पालाकुराली की तीन बेटियों मे से सबसे छोटी बेटी दीया(11) साल के घर पहुँच कर राजेंद्र भण्डारी ने उसकी शिक्षा के लिए भी 500 सौ रुपया प्रति माह अपने वेतन से दीया के खाते मे देने की बात की। राजेंद्र भण्डारी ने इस माह अक्टूबर दोनो अनाथ बेटियो की नकद धनराशि दी साथ ही कहा कि अगले माह से उनके बैक खातो मे धनराशि आती रहेगी,जबतक खुशी व दीया 21 साल की नही हो जाती है।
ग्राम प्रधान पालाकुराली सुभाष सिह राणा व दीया की दादी ने भी राजेंद्र सिह भण्डारी की इस महान पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

आपको बता दे कि कपड़िया की खुशी एंव पालाकुराली की काजल,रबीना,दीया की पीड़ा को जब मीडिया के माध्यम से उठाया गया था तो बहुत सारे समाजसेवीयो,नेताओ व ग्रामीणों ने अपनी अपनी तरफ से मदद के लिए हाथ बढा कर मदद भी की।

वही खुशी के चाचा-चाची का कहना है कि खुशी मे माता-पिता के अकाल मृत्यु के बाद हमारे ऊपर भी बड़ी जिम्मेदारी है हमारे भी चार बेटी व 2 बेटे है, गरीबी के चलते जैसे तैसे सभी बच्चो की देखभाल कर रहे है,आगे ईश्वर से प्रार्थना है कि खुशी की शिक्षा-दीक्षा अच्छी से हो सके,ताकी हम पर भी उंगलिया ना उठ सके।
खुशी के चाचा-चाची ने राजेंद्र सिह भण्डारी द्वारा दी जाने वाली मदद पर उनका शुक्रिया -धन्यवाद किया।

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