26सितंबर से 5अक्टूबर तक मनायें जायेंगे नवरात्रे, क्या खास है इन नवरात्रों में- जाने आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं से

श्रीशारदीय नवरात्रि आसुन्य शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाने वाला त्यौहार देवी भागवत के अनुसार वसन्त और शरद ऋतुओं को यमद्रष्ठा कहते हैं यानी विमारियों के दांत खुलते हैं इन दो ऋतुओं में देवी पूजन करनें से इन बिमारियों से बच सकते हैं जो गर्मी और शर्दी में होनें वाली हैं इस बार 26 अक्टूबर 2022 से नवरात्र शुरू हो रहे हैं जो कि 5 अक्टूबर बुधवार तक मनाऐ जाएंगे।
इस वर्ष घट स्थापना का समय प्रातः 6:00 बजकर 28 मिनट से 8:00 बजकर 1 मिनट प्रातः केवल 1 घंटा 33 मिनट का समय और मध्यान्ह 12:00 बजे से 12:54 तक है घट स्थापना का समय हैं
नवरात्रि तिथि इस प्रकार हैं।

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प्रतिपदा मां शैलपुत्री पूजन 26 सितंबर 2022
द्वितीया 27 सितंबर 2022 ब्रह्म चारणी पूजन
तृतीया मां चंद्रघंटा पूजन 28 सितंबर 2022
चतुर्थी मां कुष्मांडा पूजन 29 सितंबर 2022
पंचमी मां स्कंदमाता पूजन 30 सितंबर 2022
षष्ठी मां कात्यायनी पूजन 1 अक्टूबर 2022तथा 8 बजकर 50 मिनट रात्रि के बाद कालरात्रि पूजन क्योंकि2 तारीख 6 बजकर 50 मिनट तक ही सप्तमी है कालरात्रि पूजन रात्रि में ही होता है ,
सप्तमी मां कालरात्रि पूजन 2 अक्टूबर 2022
अष्टमी महा गौरी पूजन 3 अक्टूबर 2022
नवमी मां सिद्धिदात्री पूजन 4 अक्टूबर 2022 विजयदशमी 5 अक्टूबर 2022


नवरात्र विशेष पर्व है सिद्ध पीठों में पूजन सिद्ध पीठों का दर्शन घर में कलश स्थापन जौ बोना दुर्गा सप्तशती का पाठ करना आदि करनें से वर्ष भर तक खुश खुशहाली घर में रहती है ,इसलिए अखंड दीपक, कलश स्थापन ,करना चाहिए, ऊपर दिए गए समय के अनुसार सर्व सिद्धी देने वाला समय या मुहूर्त है वैसे प्रत्येक दिन एक एक की बृद्धी करके कुमारी का पूजन करना चाहिए और नवमी के दिन नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए 1 वर्ष से ऊपर 10 वर्ष से नीचे कन्या कहलाती है या कुमारी कहलाती है, नवरात्र में कन्या पूजन का वैदिक विधान जहां एक प्राकृतिक धर्मानुष्ठान है वहां मानव के संगठन और चरित्र का भी संरक्षण होता है हमारे यहां त्योहारों की प्रवृत्ति न केवल धर्म मात्र को लक्ष्य करके ही हुई है अपितु धर्मिता के साथ-साथ उनकी कर्तव्यता में सामाजिक समस्याओं के समाधान का भी बहुत कुछ उपयुक्त पुरोगम निहित है , आप सबको बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाऐं नवरात्र पर्व की आपका आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ज्योतिषपीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत,

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