Uttarakhand News: उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ से बड़ी खबर आ रही है। यहां धारचूला के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बसी ग्राम पंचायतों की अहम बैठक हुई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है और नियम बनाए गए है। बताया जा रहा है कि अब यहां शादी समारोह में महिलाएं बारात में नहीं जाएंगी। अगर महिलाएं बारात में जाती है तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बीते माहों में चीन सीमा से लगे नाबी गांव के ग्रामीणों ने शादियों में स्थानीय परंपरा के स्थान पर बाहरी परंपराओं का समावेश होने को लेकर चिंता जताई थी। जिसको लेकर अब पिथौरागढ़ के हिमालय क्षेत्र में बसे दूरस्थ नाबी, गुंजी, नपलच्यु, रोंगकोंग और कुटी ग्राम पंचायतों की एक अहम बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से 17 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।

अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए विवाह के वर्तमान नियमों में बदलाव कर नियमावली बनाई गई। इसके तहत अब इन गांवों में होने वाली शादियों में महिला बराती नजर नहीं आएगी। हर हाल में दुल्हन के घर से बरात सायं पांच बजे से पूर्व विदा हो जाएगी। प्रत्येक बराती के लिए पगड़ी पहनना आवश्यक होगा।बताया जा रहा है कि शादी समेत अन्य समारोह में शराब नहीं परोसी जाएगी। अगर कोई ऐसा करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही 55000 हजार रुपए जुर्माना के तौर पर देना होगा।

वहीं लड़की की शादी में केवल दुल्हन के पिता मात्र दूल्हे को पगड़ी पहनाएंगे और दूल्हे पक्ष से एक पगड़ी दुल्हन के पिता और एक पगड़ी दुल्हन के बड़े मामा को दी जाएगी। दुल्हन की मां और महिला सभा को एक-एक मोमबंधी प्रदान की जाएगी। नए नियमों के तहत विवाह कार्यक्रम में दिन के खाने का समय दोपहर 12 से सायं चार बजे तक का ही होगा। इसके बाद मात्र चाय-पानी ही होगी। पांचों गांवों में विवाह में बजने वाला म्यूजिक सिस्टम शादी व मेहंदी में केवल चार घंटे सायं 6 से 10 बजे तक ही बजेगा। दूसरे, तीसरे दिन केवल दो घंटे ही बजेगा।
चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी पांच गांवों में अब बरातियों को रास्ते में ग्रामीणों द्वारा बुलाए जाने की प्रथा पूरी तरह बंद रहेगी। जिस गांव में बारात जा रही है वहां चैमे रिस्म्या गांव की बेटियां ही चाय पानी के लिए बुला सकती हैं। इसमें बरातियों द्वारा साढ़े पांच हजार का सोकुन दिया जाएगा। लड़कों की शादी में दूल्हे के पक्ष वाले दुल्हन पक्ष के नाते, रिश्तेदारों को प्रीति भोज में बुलाएंगे। नए नियमों के तहत पांच गांवों में विवाह में ग्राम सभा, महिला सभा, नव युवक संघ, नव युवती संघ, रं कल्याण संस्था, व्यास ऋषि मेला समिति, गांव के ईष्टदेव व अन्य समितियों के लिए दिए जाने वाले यर की रकम भी निर्धारित कर दी गई है।
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