अब देहरादून में महिलाएं सुरक्षित नहीं ,राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट चिंताजनक ,देखें क्या कहा उत्तराखंड की महिला आयोग की अध्यक्ष ने

अब देहरादून में महिलाएं सुरक्षित नहीं ,राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट चिंताजनक ,देखें क्या कहा उत्तराखंड की महिला आयोग की अध्यक्ष ने

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देहरादून। राष्ट्रीय महिला आयोग की नारी 2025 महिला सुरक्षा रिपोर्ट में देहरादून के लिए चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार देहरादून का महिला सुरक्षा सूचकांक केवल 60.6 फीसदी रहा जो राष्ट्रीय औसत 64.6 फीसदी से भी कम है।
वहीं, कोहिमा जैसे शहर जहां सुरक्षा सूचकांक 82.9 फीसदी है, वहां की तुलना में देहरादून काफी पीछे नजर आया। महिलाओं से विभिन्न मामलों में पूछे गए सवालों के आधार पर यह सर्वे हुआ।

 

आशा नौटियाल: भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष विधायक 

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सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि दून की केवल 50 फीसदी महिलाएं शहर को बहुत सुरक्षित या सुरक्षित मानती हैं जबकि अन्य शहरों में यह औसत 60 फीसदी है। वहीं 41 फीसदी महिलाओं ने शहर को सुरक्षित बताया न असुरक्षित। इसके अलग करीब 10

फीसदी महिलाएं खुद को असुरक्षित या बहुत असुरक्षित महसूस करती हैं।

महिला  2025 सर्वेक्षण को झूठा बता रही है राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा नौटियाल:गरिमा दसोनी प्रवक्ता कांग्रेस 

 

 

दिन के समय 70 फीसदी महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं लेकिन रात होते ही यह संख्या घटकर 44 फीसदी रह जाती है। सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न की घटनाएं भी दर्ज हुईं। देहरादून में छह फीसदी महिलाएं उत्पीड़न का शिकार हुईं जिनमें से कई बार-बार ऐसी घटनाओं से गुजरीं। सबसे अधिक मामले मौखिक उत्पीड़न (अपशब्द कहना) के रहे।

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महिला-अनुकूल ढांचे और परिवहन व्यवस्था पर भी स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गईं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कड़े कानून, बेहतर रोशनी, सुरक्षित परिवहन और महिला-अनुकूल ढांचे को प्राथमिकता देकर ही दून को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है।