उत्तराखंड क्रांति दल के युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट एवं दल के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा जोशीमठ आपदा के लिए जोशीमठ क्षेत्र का 3 दिन से भ्रमण किया जा रहा है l हालत अत्यंत चिंताजनक है l इस दुख की घड़ी में दल जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ा है l दल ने सुनील गाँव, मनोहर बाग,मारवाडी, सिंहधार,खड़धार , रवि ग्राम, डाडो, आदि स्थानों स्थलीय निरीक्षण किया गया, साथ ही जोशीमठ बचाओ समिति को समर्थन दिया, बिष्ट ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को स्थाई पुर्नावास करने की आवश्यकता है l दरकते पहाड़ एक सवाल जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव तथा संपूर्ण उत्तराखंड के लिए चिंतनीय विषय हैं। पूर्व में ही किए गए भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार स्पष्ट कर दिया गया था कि जोशीमठ में किसी भी प्रकार का निर्माण किया जाना भविष्य के लिए खतरे का संकेत होगा l जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित “विशेषज्ञ समिति ” ने अप्रैल 2014 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी l सुप्रीम कोर्ट विशेषज्ञ समिति तथा चार धाम प्रोजेक्ट हाई पावर समिति की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिसंबर 2014 और जल संसाधन मंत्रालय ने मई 2016 में इस रिपोर्ट में दर्ज तथ्य और अध्ययनों को स्वीकारते हुए कहा था कि उत्तराखंड में बांध तथा विभिन्न परियोजनाएं आने वाले समय में क्षेत्र को अपूरणीय क्षति पहुंचाएंगे l परंतु सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर अमल करने की बजाय इससे दरकिनार कर दिया l जिसका खामियाजा पूरा उत्तराखंड भुगत रहा है l उत्तराखंड क्रांति दल जोशीमठ के विस्थापन एवं पुर्नवास के लिए सरकार द्वारा बनाए जाने वाली योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देगी l आपदा की घड़ी में हम जनता और सरकार के साथ मिलकर पुनर्वास के लिए ठोस रणनीति बनाने के पक्षधर है , किंतु यदि सरकारों ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोडी तो उक्रांद आर- पार की लड़ाई लड़ेगा l विकास के नाम पर पहाड़ों को विनाश की ओर नहीं ले जाया जा सकता l पहाड़ो में विकास के नाम पर बड़ी -बड़ी परिजोनाओं के निर्माण अवैज्ञानिक ढंग से होना तथा जियोलॉजीकल सर्वे को नकाराना इसका मुख्य कारण हैं। एनटीपीसी द्वारा जोशीमठ के नीचे सुरंग बनाना वहां के मूल निवासियों के लिए खतरा बन गया है l युवा प्रकोष्ठ ने केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि हेलंग बाईपास सड़क बनाने एवं एनटीपीसी की कार्यों पर स्थाई रूप से रोक लगाने की मांग उत्तराखंड क्रांति दल करता है l दल का पूर्व से ही स्पष्ट मानना हैं कि बड़ी-बड़ी विद्युत परियोजनाए पहाड़ के लिए विनाशकारी होगी, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जोशीमठ में हो रहे भू- धसाव हैं। दल के निर्माण सन 1979 से ही प्रथम अध्यक्ष डॉ डी डी पंत जी का स्पष्ट कहना था कि पहाड़ो में रनिंग वाटर पर ही छोटी छोटी जल विधुत परियोजनाओं का निर्माण किया जाय जो कि परिस्थितिकी पर्यावरण दृष्टिकोण से उचित होगा तथा हिमालय को बचाया जा सकता है l राजेंद्र बिष्ट ने उत्तराखंड की सरकारों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि पहाड़ों में बड़ी बड़ी परियोजनाओं के निर्माण से हिमालय को छलनी कर दिया , जिसका खामियाजा उत्तराखंड की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है l जोशीमठ के साथ साथ प्रदेश के अन्य स्थानों को भी जल्द चिन्हित कर उनका परीक्षण किया जाय। परियोजनाओं के आसपास के गांवों में भी इसी तरह की घटना होने की भी प्रबल सम्भावना है।l किसी भी बड़ी परियोजना को प्रारंभ करने से पहले वहां पर रहने वाले स्थानीय निवासियों के पुनर्वास के लिए योजना बनानी चाहिए परंतु हमें या प्रतीत होता है कि सरकार को जनता के हितों से कोई भी सरोकार नहीं है l
उत्तराखंड क्रांति दल ने मांग की हैं एनटीपीसी और बाईपास सड़क निर्माण पर तत्काल प्रभाव से स्थाई तौर से रोक लगाने के आदेश सरकार को जारी करने चाहिए l जोशीमठ का विस्थापन / पुर्नवास बाजारी मूल्य से 4 गुना अधिक पर केंद्र और राज्य सरकार तैयार करें l यह दैवीय आपदा ना हो कर सरकारों द्वारा जनित कृतिम आपदा है इसलिए इसको केंद्र सरकार और राज्य सरकार को मिलकर राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए l उत्तराखंड में निर्माणाधीन परियोजनाओं के आसपास क्षेत्रों का भू परिक्षण किया जाय इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश उपाध्याय, उत्तम सिंह रावत, पंकज व्यास , युवा प्रकोष्ठ महामंत्री बृजमोहन सजवान, मुकेश कुंडरा , जिला अध्यक्ष दीपक फर्सवाण , महिपाल फर्सवाण, राकेश सती,
, श्याम सिंह रमोला ,अंकेश भंडारी ,टिकम राठौड़ ,दीपक रावत ,संजीव भट्ट ,सीपी जोशी, टीकम सिंह राठौर ,जितेंद्र, सर्वेश्वर पुरोहित आदि केंद्रीय पदाधिकारी गण उपस्थित रहे l

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