भव रोग से तरने वाली हैं श्रीमद्भागवत,


आज मांडा स्टेट हिंसरियखाल टिहरी गढ़वाल मे अनिता राजेंद्र बंगवाल बंधुओं के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व बांगा नागराज मंदिर से ढोल दामों के साथ कलश यात्रा निकाली गयी जिसमे पीत वस्त्र पहने हुए महिलाये सिर पर कलश लिए हुए गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो के भजन गाते हुए कथा पांडल तक पहुंचे जहा आचार्यो के द्वारा गोपाल जी का अभिषेक किया गया वही कथा वाचन करते हुए ज्योतीसपीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाई जी ने कहा आज भगवान सूर्य माघ मास मे मकर रेखा मे प्रवेश करते हुए सारे शुभ कार्यो का सुभारम्भ व ऐसे अवसर पर श्रीमद्भागवत की कथा दूध स्वभाव से मिठा होता हैं लेकिन उसमे शकर मिलाई जाये तो और भी मधुर हो जाता हैं भव रोग से तारने वाली श्रीमद्भागवत कथा हैं जिसके वक़्ता निर्लोभ लंगोट पहनने वाले शुकदेव हैं निर्लोभ व्यक्ति की दी हुई औषधि एक मात्रा मे काम करती हैं वैसे हि सुखदेव जी की कही भागवत कथा लोभ मोह ईर्ष्या आदि रोगो से छुटकारा मिलता हैं एक श्लोक आधा श्लोक श्रवण से भागवत के मूल मे भक्ति की कथा हैं ऐसे हि मानव जीवन के मूल मे भक्ति का होना आवश्यक हैं कर्तब्य बोध परहिट की भावना के साथ दूसरे को सुख देने के लिए अपने को कस्ट मे डालना ज्ञान वैराग्य हैं भगवान कृष्ण की वांगमय मूर्ति श्रीमद्भागवत हैं हर कामना को पूर्ण करने वाला ग्रंथ श्रीमद्भागवत हैं जिसके दो पात्र सात से संबंध रखते हैं परीक्षित को सातवे दिन मरना हैं और कंस ने देवकी के आठवें पुत्र से मरना हैं उसने छे गर्व को मार कर आटवे गर्व से समूल नष्ट हुआ
अपना अहम वहम समूल को नस्ट कर देता हैं आदि प्रसंगो पर कहकर भागवत की महता बताई आज मुख्य रूप से राजेंद्र बंगवाल अनिता बंगवाल सरोज़ बंगवाल कलस बंगवाल कृष्णा बंगवाल राधिका बंगवाल माला बंगवाल बिपिन राकेश रमेश बंगवाल अरुण बंगवाल दीपक बंगवाल प्रेमद्त बंगवाल प्रमोद बंगवाल विनीत बंगवाल आचार्य सेमवाल जी आचार्य दामोदर प्रसाद सेमवाल आचार्य दिवाकर भट्ट आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य हिमांशु मैथानी आचार्य अंकित केमनी अनिल चमोली आदि भक्त गण भारी संख्या मे उपस्थित रहे।।
