पंच केदार में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की चल-उत्सव विग्रह डोली मंगलवार को अपने धाम के लिए रवाना हुई। डोली आज रांसी गांव पहुंचेगी। अंतिम रात्रि प्रवास के लिए डोली 18 मई को गौंडार में रात्रि प्रवास करेगी, जबकि 19 मई को धाम के कपाट खुलेंगे।
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोंच्चारण, मांगल गीतों के साथ डोली को भावुक क्षणों के साथ विदा किया। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली डगवाडी, ब्राह्मण खोली, मंगोलचारी, सलामी, फापज, मनसूना, राऊलैंक, उनियाणा सहित विभिन्न यात्रा पडावों पर भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी तथा 18 मई को राकेश्वरी मन्दिर रासी से प्रस्थान कर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी। 19 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से प्रस्थान कर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा कूनचटटी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए मद्महेश्वर धाम पहुंचेगी तथा डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मद्महेश्वर के कपाट 11 बजे कर्क लगन में वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे।
