ऋषिकेश की जनता ने ठाना है, भाजपा कांग्रेस को धूल चटाना है, दिनेश चंद मास्टर को जितना है, उत्तराखंड के मूल को बचाना है: सुदेश भट्ट

मास्टर की आहट से गर्माया ऋषिकेश का सियासी पारा
निकाय चुनावों में ऋषिकेश नगर निगम मे 80% से भी उपर भागीदारी तय करने वाले पहाड़ी मूल के मतदाताओं की उपेक्षा करते हुये दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने बहारी प्रत्याशियों को वरीयता देकर बहुत बड़ी चूक कर अपने ही पाँव में कुल्हाड़ी मारने का काम किया है । सामाजिक कार्य कर्ता व निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा यमकेश्वर वासी पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने बताया कि ऋषिकेश के पंचायत से लेकर लोक सभा तक के चुनाव यहाँ के मूल निवासी ही तय करते हैं लेकिन जिस तरह राष्ट्रीय दलों ने पहाड़ी मूल के प्रत्याशियों की अनदेखी करी है उससे पुरा पहाड़ी समुदाय आक्रोशित हैं और पहाड के लोगों ने ईसे अपनी अस्मिता व प्रतिष्ठा से जोड़ते हुये अपने ही पहाड के मूल निवासी दिनेश चंद्र मास्टर को जनता के टिकट पर मैदान में उतारकर दोनों ही राष्ट्रीय दलों को खुली चुनौती दी है साथ ही सुदेश भट्ट ने बताया कि ऋषिकेश के चुनावों मे यमकेश्वर क्षेत्र की एक बहुत बड़ी व निर्णायक भागीदारी रहती है लेकिन राष्ट्रीय दलों द्वारा यमकेश्वर के मूल निवासियों को पार्षद तक के टिकट न देकर या टिकट देने के बाद नामांकन कराने व फिर नकार देने से भी स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है और जिसके लिये यमकेश्वर वासी निकाय चुनाव में जनता पर थोपे गये बहारी प्रत्याशियों को सबक़ सिखाने का मन बना चुकी है ।साथ ही पूर्व सैनिक ने राष्ट्रीय दलों के समर्थकों द्वारा फ़ेस बुक पर स्थानीय मूल निवासियों को खुली चुनौती देने वाला स्क्रीन शौर्ट भी मिडिया को उपलब्ध कराया जिसकी उन्होंने कड़ी निंदा करते हुये मूल निवासियों की भावनाओं को आहत करने व सत्ता के नशे मे चुर अहंकार बताया और उन्होंने ऋषिकेश मे राष्ट्रीय दलों में बैठे उन पहाडी पदाधिकारियों को जो मूल निवासी प्रत्याशी के खिलाफ बहारी प्रत्याशी के पक्ष में वोट माँग रहे हैं मास्टर जी के पक्ष में लामबंद होने का आह्न किया साथ ही स्थानीय जनता से आह्न किया कि आगे से पंचायत से लेकर किसी भी चुनाव मे यैसे नेताओं को अभी से चिह्नित किया जाये व पहाड़ी प्रत्याशी के विरुद्ध षड्यंत्र रचने वाले यैसे नेताओं को पंचायत से लेकर आगे होने वाले किसी भी चुनाव मे पहाड़ी समुदाय सबक़ सिखाने व हराने का काम करेगा जो पहाड का नही पहाड़ी भी उसका नही

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