राम रतन सिंह पंवार

त्यूंखर के इंटर कालेज मे शिक्षा विभाग का नही है अभी तक कोई भवन।

बर्ष 2013 मे आपदा के दौरान
मुम्बई की लुपिन फाउण्डेशन ने
जनता के आग्रह पर बनाये थे
छात्र छात्राओं के लिए वैकल्पिक
व्यवस्था,फाईवर के बनाये गये थे
कमरे सहित प्रधानाचार्य कार्यालय,
जखोली-विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत त्यूंखर मे स्थित राजकीय इण्टर मेडियेट कालेज आज के इस आधुनिक युग मे भवन की मार झेल रहा ।
विदित हो त्यूंखर गांव जो कि लस्या पट्टी का जनसंख्या मे दूसरे
नबर का गांव माना जाता है,इस गांव संस्थागत रुप मे जूनियर हाईस्कूल की स्थापना के समय ग्रामवासियों के द्वारा बर्ष 1981-82 अपनी मेहनत की कमाई से तीन कमरो का निर्माण करवाया गया था ताकि विद्यालय मे पठन पाठन करने वाले छात्र छात्राओं को किसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े और नौनिहालों को अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन आलम यह है कि चार सौ परिवारों के इस गांव मे 40 सालो मे सरकार ने त्यूंखर गांव मे विद्यालय का भवन बनाना मुनासिब नही समझा आखिर इतने सालो मे शिक्षा विभाग द्वारा अपना कोई भवन नही बनाया जो कि विभाग द्वारा भवन निर्माण न कराया जाना आखिर शासन प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा माना जा रहा हां इतना जरुर है भवन के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा एक कमरा लैब संचालन के लिए जरुर बनाया ।
तथा एक कमरा कुछ साल पूर्व सांसद निधि से बनवाया गया।
बता दे कि ग्राम पंचायत त्यूंखर
का इंटर कालेज जिसमे कि वर्तमान समय मे लगभग दो सौ से ऊपर छात्र छात्राएं अध्यनरत है।
अध्यापक अविभावक संघ के अध्यक्ष उम्मेद सिह पवांर, पूर्व भविभावक संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिह कैंतूरा, पूर्व प्रधान विमला देवी,व श्रीनगर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रदीप सिह पवांर ने कहा है कि अगर बर्ष 2013 के आपदा के दौरान ग्रामीणों की सहमती से लूपिन फाउण्डेशन मुम्बई की संस्था द्वारा त्यूंखर मे निशुल्क वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर छात्र छात्राओं के अध्ययन हेतु लगभग छ फाईवर वाले कमरो का निर्माण नही करती तो शायद आज तक ये इंटर कालेज बंद हो जाता यह भी अवगत करा दे कि ग्रामीणों के की कड़ी मेहनत के बाद इस विद्यालय का उच्चीकरण किया गया था इंटर की मान्यता मिलने के बाद छात्र संख्या को देखते हुए सरकार ने बोर्ड परीक्षा के संचालन के लिए प्रमेशन भी दे व परीक्षाएं भी संपन्न होंने लगी लेकिन पूर्व मे जनप्रतिनिधियों ने भवन निर्माण करवाये जाने के लिए कई प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दिये लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते विद्यालय मे भवन निर्माण करवाये जाने की इतने सालो मे कोई कार्यवाही नही की है,जिस कारणो से पूरे ग्रामीणों मे आक्रोश बना हुआ है।
