2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा: राजेश्वर पैन्यूली

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धामी सरकार के 2023-24 के प्रस्तावित बजत को अगर संक्षिप्त शब्दों मे कहें तो ये है अमृतकाल का बजट जो जनता को संजीविनी देगा इस बजट मे विजन है जो अगले 25 साल के विकास का टूल है, बेरोजगारी दूर करने का रास्ता है , उत्तराखण्ड की अलग पहचान बनाने का पूरे विश्व मे साधन है और
भारत की अर्थ व्यवस्था को ,5 ट्रिलियन यूएस डोलर की अर्थव्यवस्था बनाने का बजट है .!

धामी सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट लगभग 77 हजार करोड़ रुपए का है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। सरकार को 76592 करोड़ रुपए की कुल प्राप्त होने की संभावना है। कुल मिलाकर, राज्य सरकार ने 4310 करोड़ रुपए का सरप्लस बजट पेश किया है। साथ ही पूंजीगत प्रतिव्यय में 21फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा जोशीमठ समेत अन्य स्थानों में भू-धंसाव के अंतर्गत राहत कार्य के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बजट में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए तमाम वर्गों को साधने की कोशिश की गई है। पुष्कर सिंह धामी सरकार के बनने के बाद दूसरा बजट प्रदेश के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को जमीन पर उतारने की कोशिश बजट में दिखी है। बजट में किसानों, बागवानों, व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं, पूर्व सैनिकों और कमजोर वर्ग को साधने का प्रयास किया गया। बजट में प्रदेश में जी-20 के आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है केन्द्र सरकार की भागीदारी भी होगी और ये कदम उत्तराखण्ड को दुनिया भर मे एक पर्यटन स्थल बनाने मे एक महत्वपूर्ण कदम है . ! इस बजट मे शहर से लेकर गांवों तक और महिलाओं से लेकर युवाओं, पूर्व सैनिकों, किसानों और कमजोर वर्ग सभी का उचित ख्याल रखा गया है ..जो अमृत-काल के अगले 25 वर्षों का विजन रखता है ..!
बजट में स्वरोजगार पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार ने युवाओं को नौकरी देने की बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए पर्यटन, ऊर्जा, कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन क्षेत्र में बजट के विशेष प्रावधान किए गए हैं। ताकि स्वरोजगार की इन योजनाओं के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही पलायन के संकट से निजात पाई जा सके। सरकार ने बजट में स्वरोजगार योजनाओं के लिए 1700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित कर सरकार ने युवा वर्ग को यह संदेश देने की कोशिश की कि वह युवा वर्ग के भविष्य को संवारने को भी तत्पर है।
बजट में स्वरोजगार और रोजगार के लिए विशेष प्रावधान के तहत उद्यान विभाग में 815 करोड़ की व्यवस्था की गई है। पॉलीहाउस के लिए विशेष तौर पर 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बागवानी सेक्टर में युवा आगे बढ़ कर आर्थिक रूप से सक्षम बन सके, इसके लिए मिशन एप्पल योजना के तहत 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को उद्योग विभाग के बजट में 462 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्क फोर्स डेवलपमेंट को 100 करोड़ और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 40 करोड़ का बजट रखा है। स्टार्ट अप को बढ़ावा देने को प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और इंटर्नप्रीनियोरशिप योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार की स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों की ओर से दिए जाने वाले अनुदान को 26 करोड़ की व्यवस्था की है।
कृषि, बागवानी व किसानों के लिए बजट में किए गए प्रविधान इंगित कर रहे हैं कि सरकार ने इस वर्ग की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इनके उत्थान के लिए रणनीति तैयार की है। केंद्र की सीमांत सुरक्षा के प्रति चिंता को समझते हुए बजट में सीमांत जिलों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए विशेष प्रविधान बजट का हिस्सा हैं। पूर्व सैनिकों के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
बजट 2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार मिलेंगे। मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान के साथ ही NCC कैडेट का भत्ता बढ़ाया गया है। पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख की छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है।
इतने कम संसाधनों मे इतना संतुलित बजट बनाने के लिए उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री और मुख्य मंत्री बधाई के पात्र हैं ..!

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