काम की खबर: उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में ड्रेस कोड लागू, छोटे कपड़े पहने पर लगा प्रतिबंध

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हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध दक्ष प्रजापति और ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर मे अब छोटे वस्त्र पहन कर आने वाली युवतियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े इन मंदिरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। इन मंदिरों में केवल उन्हीं युवतियों को प्रवेश दिया जाएगा जिनका शरीर 80 प्रतिशत ढका होगा। दरअसल इन मंदिरों में कम कपड़े पहन कर आने वाली युवतियों को पहले भी कई बार रोका गया जिससे कि अव्यवस्था फैली ऐसे में अब विधिवत रूप से घोषणा की गई है कि मंदिर में आते समय वस्त्रों का ध्यान रखा जाए। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी के अनुसार धार्मिक स्थानों पर जाते समय हमे मर्यादा में रहना चाहिए। लिहाजा अगर कोई युवती कम कपड़ों में यहां आई तो उसे प्रवेश नही दिया जाएगा।

राजधानी के देहरादून में गढ़ी में महादेव का मंदिर है जंहा पोस्टर लगा के सूचना दी गई है,व मौखिक रूप से भी बताया जा रहा है, हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है।

महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों से अपील की गई है कि अगर वो मंदिर में पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि अखाड़े की ओर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि देवालय एक आत्मरंजन का स्थान है न कि मनोरंजन का।

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने युवतियों और महिलाओं के साथ उनके परिजनों से भी अपील की है कि वे कम से कम 80 % अंग ठक कर ही मंदिरों में आएं, उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है, अब यह व्यवस्था यहां भी लागू की जा रही है, ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े, बता दें कि यूपी के भी कई मंदिरों ने इस तरह के नियम लागू किए गए हैं।

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